ब्राह्मण समागम समाज को आत्मावलोकन का अवसर देगा: शिव ओम शर्मा

ब्राह्मण समागम समाज को आत्मावलोकन का अवसर देगा: शिव ओम शर्मा

ब्राह्मण समागम समाज को आत्मावलोकन का अवसर देगा: शिव ओम शर्मा

Tricity Today | शिव ओम शर्मा

जेवर क्षेत्र के कलुपुरा गांव में रविवार को होने वाला ब्राह्मण समागम समाज को आत्मावलोकन करने का अवसर देगा। एक साजिश के तहत कुछ स्वयम्भू ठेकेदार गफलत फैलाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। सर्व ब्राह्मण सभा के प्रदेश सचिव शिव ओम शर्मा ने यह बात कही। शिव ओम शर्मा ने कहा, समाज के कुछ युवा एक अच्छी पहल कर रहे हैं, उन्हें समर्थन देने की बजाय उन पर लांछन लगाए जा रहे हैं। इन युवाओं पर लांछन लगाने वाले पहले यह बताएं कि उन्होंने समाज के लिए क्या किया है।

शिव ओम शर्मा ने कहा, कलुपुरा में आयोजित होने वाले ब्राह्मण समागम को सर्व ब्राह्मण सभा समर्थन करती है। मैं समाज के लोगों से अपील करता हूं कि किसी एक व्यक्ति के हितों का पोषण करने के लिए पूरे समाज को बदनाम नहीं करें। समाज से बड़ा कोई नहीं है। हमारे समाज ने जिन्हें सरताज बनाया, वही आज साजिश रच रहे हैं। जब समाज के युवाओं को आगे बढ़ाने की बात आती है तो खुद को गैर जातिवादी बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। अब समाज के लोगों के आगे पल्ला फैलाकर भीख मांग रहे हैं कि ब्राह्मण समागम में नहीं जाएं।

शिव ओम शर्मा ने कहा, इस पूरे कार्यक्रम का किसी नेता से कोई सरोकार नहीं है। एक नेता खुद इसे राजनीतिक रंग देकर अपना वर्चस्व कायम रखने की कोशिश में है। वोट दिए हैं, समाज किसी की चौखट पर गिरवी नहीं रखा है। यह कार्यक्रम समाज के लोग चंदा एकत्र करके कर रहे हैं, जिसका पूरा हिसाब दिया जाएगा। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे ठेकेदारी के ठेके लेने, लड़कों की नौकरी के लालच और काले धंधों पर पर्दे पड़े रहने के डर से त्रस्त हैं।

शिव ओम शर्मा ने बताया, इस समागम के 10 उद्देश्य हैं। जो इस प्रकार हैं,
ब्राह्मण समागम में विचार बिन्दु

  1. समाज के युवाओं को शिक्षा और रोजगार कैसे मिले।
  2. समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया जाए।
  3. दहेज के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति पर नियंत्रण कैसे किया जाए।
  4. शादी व दूसरे उत्सवों में अत्यधिक धन खर्च करने की प्रवृत्ति।
  5. जल का दुरुपयोग रोकने एवं प्रदूषण नियंत्रण में सहभागिता।
  6. संस्कृत विद्यालयों के पुनरोद्धार एवं विकास पर विचार।
  7. युवाओं में बढ़ते व्यसनों पर नियंत्रण एवं सांस्कृतिक दर्शन।
  8. संस्कार शाला और शोध संस्थान की स्थापना पर विचार।
  9. बुजुर्गों के प्रति युवाओं में जिम्मेदारियों का निर्वाह एवं जागरूकता।
  10. कन्या भ्रूण हत्या और बालिका अशिक्षा दूर करने पर जोर।

शिव ओम शर्मा कहते हैं कि इन मुद्दों पर विचार करना कौन सी राजनीति है। इसके लिए आयोजकों को किसी नेता का संरक्षण क्यों चाहिए? जो लोग यह कहते हैं कि उनसे पहले बात क्यों नहीं की गई, वह जरा बताएंगे कि जब उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन के नाम पर नेताओं को बुलाकर चुनाव में समर्थन दे दिया था, तब कितने में समाज को बेचा था। तब किससे चंदा लेकर कार्यक्रम किया था, क्या उसकी जानकारी आज तक दी गई। मैं केवल अपील करता हूं कि बहकावे में नहीं आएं, जो निजी हितों के लिए भ्रम फैला रहे हैं।

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