बाइक बोट घोटाले में आया बसपा नेता का नाम, दिल्ली पुलिस ने 7 और डायरेक्टर गिरफ्तार किए

बाइक बोट घोटाले में आया बसपा नेता का नाम, दिल्ली पुलिस ने 7 और डायरेक्टर गिरफ्तार किए

बाइक बोट घोटाले में आया बसपा नेता का नाम, दिल्ली पुलिस ने 7 और डायरेक्टर गिरफ्तार किए

Tricity Today | संजय भाटी

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने धोखाधड़ी (Fraud) और जालसाजी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। करीब 42 हजार करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले में आरोपी 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी जालसाजी और धोखाधड़ी करने के आरोपी हैं। दूसरी ओर इस मामले में बहुजन समाज पार्टी के एक नेता के नाम भी दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपी नोएडा की एमएस गर्विट इनोवेटिव कंपनी के डायरेक्टर्स हैं। दरअसल, बाइक बोट घोटाले का शिकार लाखों लोग हुए हैं। जल्दी पैसा कमाने और पूंजी को डबल करने के चक्कर ने लोगों को धोखे का शिकार बनाया गया है। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर पुलिस और यूपी एसटीएफ ने घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी और उसके करीब 40 साथियों व रिश्तेदारों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

मोटा पैसा गंवाने वाले लोगों की शिकायत के बाद गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ दिल्ली में भी एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस कंपनी का मालिक फिलहाल गौतमबुद्ध नगर जेल में बन्द है। पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक करीब 42 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने वाली इस कंपनी ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एक बहुजन समाज पार्टी के नेता सहित कई आरोपियों का नाम दर्ज हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। फर्जीवाड़ा कितने का हुआ है, इसकी सही तरह से जानकारी नहीं मिल पाई है। हजारों लोगों की शिकायत के बाद शनिवार को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।

दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने बाइक बोट स्कीम के नाम पर लोगों से इनवेस्टमेंट कराया और अच्छे रिटर्न देने का सपना दिखाया। ये लोग दो साल में पैसा दोगुना करके वापस लौटने का झांसा दे रहे थे। एक दो महीने निवेशकों के रिटर्न भी आए। बाद में कंपनी ने अचानक रिटर्न देना बंद क दिया था। पैसा डूबता देखकर लोग शिकायत करने लगे तो कंपनी निदेशक उन्हें धमाकाने लगे। पैसा जब्त करने और डूबने की बात कही गई। आखिरकार कई लोगों से शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई हैं। अब इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के दादरी थाने में करीब 60 एफआईआर दर्ज हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में इस मामले की सुनवाई चल रही है।

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