ग्रेटर नोएडा से 103 करोड़ की ठगी करके फरार बिल्डर दिल्ली में गिरफ्तार, लंबे अरसे से तलाश रही थी पुलिस

ग्रेटर नोएडा से 103 करोड़ की ठगी करके फरार बिल्डर दिल्ली में गिरफ्तार, लंबे अरसे से तलाश रही थी पुलिस

ग्रेटर नोएडा से 103 करोड़ की ठगी करके फरार बिल्डर दिल्ली में गिरफ्तार, लंबे अरसे से तलाश रही थी पुलिस

Tricity Today | बृजभूषण गुप्ता

गौतमबुद्ध नगर के प्राधिकरण में ठेकेदारी और खरीद-फरोख्त में ब्रोकिंग करते-करते रियल एस्टेट कंपनी खड़ी करने वाला बिल्डर बृजभूषण गुप्ता सोमवार को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। ग्रेटर नोएडा में करीब 103 करोड रुपए की जालसाजी करके 3 साल से फरार चल रहा था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने फ्लैट के नाम पर 103 करोड़ रुपये की ठगी में प्राइमरोज इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक बृजभूषण गुप्ता को गिरफ्तार किया है। 

बृजभूषण गुप्ता ने ग्रेटर नोएडा में राइन नाम के प्रोजेक्ट में 438 फ्लैट देने के नाम पर निवेशकों से ठगी की थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह राजस्थान और हरियाणा में छिपकर रह रहा था। पुलिस ने उसे हरियाणा के पंचकुला से गिरफ्तार किया है। दिल्ली ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ.ओपी मिश्रा ने बताया कि राजेश गुप्ता सहित 22 निवेशकों ने फ्लैट के नाम पर ठगी की शिकायत की थी। शिकायतकर्ताओं ने बताया था कि उन्होंने ग्रेटर नोएडा में स्थित राइन नाम की आवासीय टाउनशिप परियोजना में फ्लैट बुक कराए थे।

जांच में पता चला कि प्राइमरोज इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बिना विभागीय मंजूरी के 2012 में फ्लैट की बुकिग शुरू कर दी थी। उसने 438 फ्लैटों बेचने के बदले लोगों से 103 करोड़ रुपये एकत्र कर लिए थे। जबकि, कंपनी ने आवासीय परियोजना को विकसित करने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से कोई स्वीकृति नहीं ली थी। कंपनी ने निवेशकों को बताया था कि 36 महीने में फ्लैट बनकर तैयार हो जाएंगे, लेकिन अभी तक उन्हें फ्लैट नहीं मिले हैं। इसके अलावा निवेश के तौर पर मिली रकम को कंपनी के खातों से व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित कर लिया था। इसमें मुख्य भूमिका प्राइमरोज इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक बृजभूषण गुप्ता की सामने आई है। 

जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि बीबी गुप्ता पंचकुला में है। सूचना के आधार पर पुलिस ने 8 नवंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया। बृजभूषण गुप्ता की कंपनी प्राइम रोज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय ग्रेटर नोएडा के अल्फा कमर्शियल बेल्ट में था। करीब 3 साल पहले उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद बिल्डरों के खिलाफ हुई कार्यवाही के दौरान बृजभूषण गुप्ता फरार हो गया। तब से निवेशक और पुलिस उसको लगातार तलाश कर रहे थे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों के साथ खड़ा किया था बड़ा गठजोड़

ब्रज भूषण गुप्ता ने वर्ष 2011 में प्राइमरोज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी। 3 मई 2011 को इस कंपनी का कारपोरेट मामलों के मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। बृजभूषण गुप्ता के साथ इस कंपनी में आशीष नैथानी और प्रमोद अग्रवाल वर्ष 2012 में डायरेक्टर बने थे। बृज भूषण गुप्ता शुरुआती दिनों में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के पास छोटे-मोटे काम लेकर पहुंचना था। उसने भूमि आवंटन के खेल में कुछ अफसरों के साथ मिलकर मोटा पैसा कमाया था। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में हुए भूमि अधिग्रहण घोटाले में भी बृजभूषण गुप्ता का नाम आया था, लेकिन वह किसी तरह बचने और फरार होने में कामयाब रहा था।

देश के बड़े घराने का आवंटन खारिज कर बृजभूषण गुप्ता को दी गई थी जमीन

जालसाजी और धोखाधड़ी का आरोपी बिल्डर बृजभूषण गुप्ता ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में किस कदर जड़ें जमा चुका था, अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्रेटर नोएडा शहर के बीचोबीच बिरोड़ा और बिरौंदी गांव की बड़ी जमीन उसकी कंपनी प्राइमरोज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित की गई थी। इससे भी बड़ी बात यह है कि बृजभूषण गुप्ता की कंपनी को आवंटन करने के लिए यह जमीन देश के जाने-माने औद्योगिक घराने से प्राधिकरण ने आवंटन रद्द करके हासिल की थी। इस जमीन का आवंटन एम्यूजमेंट पार्क के तौर पर किया गया था। बृजभूषण गुप्ता की कंपनी को आवंटन करने के बाद ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के कुछ अफसरों ने बड़े पैमाने पर हेराफेरी करके भू उपयोग और एफएआर में भी गुप्ता की कंपनी को बड़ा फायदा पहुंचाया।

बृजभूषण ने और कई मुकेश कंपनियों का पंजीकरण करवाया था

बृजभूषण गुप्ता ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे कई सीनियर अधिकारियों का काला पैसा भी खपा रहा था। उसने और कई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाया था। बृजभूषण के नाम प्रथम एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, संस्कृति मॉड्यूलर एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और एनआर मरचेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां भी रजिस्टर्ड हैं।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.