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गौतम बुद्ध नगर के जिला प्रशासन ने लॉकडाउन पीरियड के दौरान मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी है। जिला प्रशासन की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बिल्डर लॉकडाउन पीरियड के दौरान मेंटेनेंस चार्ज या कोई दूसरा शुल्क नहीं बढ़ाएंगे। अगर बिल्डरों ने ऐसा किया तो उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा-144 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। जिसमें 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। जिला प्रशासन ने यह आदेश जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह की ओर से लिखे गए एक पत्र के बाद जारी किया है। जिला प्रशासन का यह आदेश आने के बाद गौतम बुद्ध नगर के लाखों परिवारों ने राहत की सांस ली है।
लॉकडॉउन के दौरान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कुछ बिल्डरों ने मनमानी शुरू कर दी। बिल्डरों ने मेंटेनेंस चार्ज बढ़ा दिया था। अपार्टमेंट में रह रहे लोगों ने इसका जमकर विरोध किया तो ज्यादातर बिल्डर पीछे हट गए, लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के इरोस संपूर्णम सोसायटी का बिल्डर नहीं माना। इरोस के रेजिडेंट्स ने काले कपड़े बालकनी में बांधकर प्रदर्शन भी किया, लेकिन बिल्डर टस से मस नहीं हुआ। इतना ही नहीं बिल्डर ने निवासियों को चेतावनी दे डाली कि अगर उन्होंने बढ़ाया गया मेंटेनेंस चार्ज जमा नहीं किया तो बिजली, पानी, सीवर, सफाई और सुरक्षा जैसी मूलभूत सेवाएं हटा लेगा।
इसके बाद लोगों ने ग्रेटर नोएडा के जेवर विधानसभा क्षेत्र से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और शिकायत दर्ज करवाई। धीरेंद्र सिंह ने गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई को सारी स्थिति से अवगत कराया। जिसके बाद नोएडा में पहली बार मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाने पर सरकारी रोक लगा दी गई है। बिल्डर को चेतावनी देते हुए अपर जिलाधिकारी ने एक आदेश जारी किया है। यदि लॉकडाउन के दौरान मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाया तो आपदा प्रबंधन कानून के तहत बिल्डर के खिलाफ सीआरपीसी की धारा-144 के उल्लंघन में एफआईआर और गिरफ्तारी भी हो सकती है।
सोसायटी के रेजिडेंट और विरोध का नेतृत्व कर रहे दीपांकर कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बिल्डर ने मेंटेनेंस चार्ज ₹1.95 प्रति स्क्वायर फिट से बढ़ाकर ₹2.50 प्रति स्क्वायर फिट कर दिया है। तमाम विरोध के बाद भी बिल्डर नहीं माना तो हम लोगों ने ग्रेटर नोएडा के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अपनी समस्या बताई। वहीं, नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (NEFOWA) के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि नोएडा में इस तरह का यह पहला मामला है, जिमसें बिल्डर को मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाने से प्रशासनिक आदेश के जरिए रोका गया है।
विधायक की चिट्ठी के 24 घंटे में जारी हो गया गया आदेश
ग्रेटर नोएडा के जेवर से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहा कि जब उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह सुना कि बिल्डर लॉकडाउन का गलत इस्तेमाल कर रहा है, लोग बाहर नहीं निकल सकते, शिकायत नहीं कर सकते या बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं कर सकते तो तुरंत जिलाधिकारी को इस बाबत सूचना दी। 24 घंटे के अंदर यह आदेश आ गया है। खास बात यह है कि जिला प्रशासन का यह आदेश व्यापक मायने रखता है। इसका परिप्रेक्ष्य केवल ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इरॉस सम्पूर्णम हाउसिंग सोसायटी सही नहीं है। बल्कि पूरे गौतम बुद्ध नगर जिले से है। जानकारों का कहना है कि अगर अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोई भी बिल्डर लॉकडाउन के दौरान मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाने की कोशिश करेगा तो उस पर यह आदेश लागू होगा। बिल्डर के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में आईपीसी की धारा-188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इस अभियोग में 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।