गाजियाबाद: 2300 रुपए के कारण कर दी कैब चालक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद: 2300 रुपए के कारण कर दी कैब चालक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद: 2300 रुपए के कारण कर दी कैब चालक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

Tricity Today | 2300 रुपए के कारण कर दी कैब चालक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद में 6 दिन पूर्व हुई कैब चालक हत्या में फरार चल रहे चार हत्यारोपियों को मसूरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कैब चालक की हत्या किराए को लेकर हुए विवाद में हुई थी। गत माह 31 अगस्त को बिजेन्द्र निवासी अकबरपुर बहरामपुर विजयनगर ने अपने भांजे शिवम की गुमशुदगी लिखाई थी। शिवम बिजेन्द्र की ओला टैक्सी चलाता था। 1 दिसंबर को शिवम का शव कुशलिया गांव के एक मक्के खेत में बरामद हुआ था। 

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर घटना के खुलासे के लिए मसूरी थाना की 2 टीम लगाई हुई थी। शनिवार सुबह मुखबिर की सूचना पर मसूरी थाना प्रभारी कार्यवाहक इंस्पेक्टर इसरार अहमद, राजेश बाबू ने सर्विलांस की मदद से आइडियल कॉलिज के पास से रूपेश तोमर पुत्र नवीन तोमर निवासी एलआईजी मधुबन बापूधाम, अकुंर चौधरी पुत्र रोहताश चौधरी निवासी मौहल्ला खुटेल ग्राम सदरपुर, शन्नी चौधरी पुत्र पप्पू चौधरी निवासी मस्जिद वाली गली सदरपुर, संजय चौधरी उर्फ सैन्की पुत्र धर्मवीर सिंह निवासी मधुबन बापूधाम को गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से घटना में प्रयुक्त गमछा भी बरामद किया गया। 

एसपी देहात नीरज जादौन ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए सर्विलांस टीम, फील्ड यूनिट, सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने 30 अगस्त को दिन में डिज्रीलैंड के पास सड़क किनारे शिवम स्विफ्ट कार में बैठा हुआ था। तभी चारों युवको ने बिजनौर गंगा घाट जाने के लिए 2300 रूपए में गाडी बुक की। वापसी में डिज्रीलैंड न आकर गाडी के ड्राइवर शिवम से गोविंंदपुरम छोडऩे के लिए कहा। 

शिवम ने ओएफएम फैक्ट्री के रास्ते से गोविंदपुरम के लिए गाडी मोड ली। रास्ते में शिवम किराए के रूपए मांगने लगा। लेकिन युवको के पास किराए के रूपए कम थे। उन्होने बकाया रूपए गोविंदपुरम छोडऩे पर देने को कहा। जिस पर ड्राइवर का चारों युवको से विवाद हो गया, विवाद इतना बढ गया कि युवको ने शिवम का गमछा से गला घोंटकर मार दिया। शव को कुशलिया के पास सड़क किनारे एक खेत में फेंक दिया और गाड़ी ले जाकर इन्द्रगढी आ गये, वहां से चारों युवक पैदल अपने-अपने घर चले गये।  

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