Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
गौतमबुद्ध नगर में कार्यरत रहे ज़िला विद्यालय निरीक्षक और मायचा गांव के एक स्कूल के प्रधानाचार्य के ख़िलाफ़ सूरजपुर कोतवाली में भ्रष्टाचार का मुक़दमा दर्ज हुआ है। यह मुक़दमा सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक ने दर्ज करवाया है। इन दोनों पर सांठगांठ करके अपात्रों को शिक्षक के पद पर भर्ती करने का आरोप है।
सूरजपुर कोतवाली में दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में निरीक्षक प्रेमशंकर ने कहा है कि 25 फरवरी 2014 को शासन के आदेश पर सतर्कता अधिष्ठान को जिले के तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ज्योति प्रसाद और मायचा गांव के जवाहर इंटर कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक कृष्णपाल सिंह के खिलाफ खुली जांच शुरू की गई थी। दोनों पर विभाग के ही किसी व्यक्ति ने सांठ-गांठ करके दो लोगों कैलाश चंद्र शर्मा और हरवंश की नियुक्ति के लिए सहमति प्रदान करने का आरोप लगाया था।
आरोप है कि दोनों को भ्रष्टाचार करके शिक्षक पद पर भर्ती कराया गया था। जांच के बाद अब इस मामले में सूरजपुर कोतवाली में शिप्रा सन सिटी इंदिरापुरम गाजियाबाद के निवासी ज्योति प्रसाद और कार्यवाहक प्रधानाध्यापक सिकंद्राबाद सिरौधन गांव के निवासी कृष्णपाल सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ज्योति प्रसाद का कहना है कि इस प्रकरण में मेरी कोई गलती नहीं है। दोनों अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से पत्र आया था। मेरी तरफ से चयन बोर्ड को पत्र भेजकर नियुक्ति को सत्यापित कराया गया था। चयन बोर्ड ने मेरे पत्र का जवाब देते हुए नियुक्ति को सही बताया था। इसके बाद ही मैंने विद्यालय के प्रबंध तंत्र को अध्यापकों को ज्वाइन कराने का पत्र जारी किया। बाद में जब संबंधित अध्यापकों द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने का पता चला तो मैंने ही एक के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया था। बाद में तथाकथित दूसरे अध्यापक के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया। इन सब बातों को मैंने साक्ष्यों के साथ विजिलेंस को अवगत करा दिया था।