उत्तराखंड के चमोली हादसे में बड़ी जानकारी सामने आ रही है। इस हादसे में अभी तक 7 लोगों के शव बरामद हुए हैं और 125 लोग अभी भी लापता हैं। गाजियाबाद की एनडीआरएफ टीम चमोली पहुंची है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद एनडीआरएफ हादसे होने के तुरंत बाद चमोली पहुंचने का आदेश दिया था। इस हादसे के बाद पूरे देश में दुख की लहर दौड़ पड़ी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
इस हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री देवेश सिंह रावत ने कहा है कि चमोली आपदा में करीब 125 लोग लापता हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई है। पारिस्थितिकीय रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक प्रवक्ता ने तपोवन-रेनी में एक विद्युत परियोजना प्रभारी को उद्धृत करते हुए कहा कि परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका है। अभी तक आईटीबीपी ने 10 शव को बरामद किया है और 16 लोगों को बचाया है।
अलकनंदा नदी में जल का बहाव रोका गया
मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए तेजी से आपदा और राहत-बचाव कार्य पूरा करने के लिए कहा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है। एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं। चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।“
यह नंबर डायल करें
मुख्यमंत्री रावत स्वयं चमोली के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने लोगों से संयम और धैर्य से काम लेने की अपील की। साथ ही किसी तरह की अफवाहों से बचने के लिए कहा। उन्होंने आगे लिखा, “मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ - मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं। आप सभी धैर्य बनाए रखें। अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। इसके अलावा आपदा में फंसे लोग 1905 पर भी संपर्क कर सकते हैं। प्रशासन मदद के लिए एलर्ट है।”
यूपी में गंगा किनारे के सभी जिलों में हाई एलर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे पर दुख जताया है। साथ ही गंगा नदी के किनारे बसे प्रदेश के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तराखंड में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने का सीधा प्रभाव यूपी में गंगा किनारे बसे गांवों पर भी पड़ेगा। इसीलिए सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। एसडीआरएफ और जवानों को राहत-बचाव कार्यों के लिए पूरी तरह तैयार रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार को भी हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने किया कॉल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत रावत से फोन पर बात कर घटना के बारे में जानकारी ली है। दोनों ने राज्य सरकार को राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा है। साथ ही केंद्र से हर तरह की मदद का भरोसा दिया है। केंद्र सरकार घटना पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है। आपदा से निपटने के लिए सभी महकमों को एलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय गृह सचिव लगातार उत्तराखंड सरकार से संपर्क साधे हुए हैं। हर पल की खबर ली जा रही है।