चीनी कम्पनी को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट में 1100 करोड़ रुपये का ठेका मिला, आरएसएस ने कहा- ठेका रद्द करे सरकार

चीनी कम्पनी को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट में 1100 करोड़ रुपये का ठेका मिला, आरएसएस ने कहा- ठेका रद्द करे सरकार

चीनी कम्पनी को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट में 1100 करोड़ रुपये का ठेका मिला, आरएसएस ने कहा- ठेका रद्द करे सरकार

Tricity Today | PM Narendra Modi & China President

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट में अशोक नगर से गाजियाबाद तक अंडरग्राउंड टनल बनेगी gangaइस टनल का निर्माण करने के लिए 1126 करोड रुपए का टेंडर शंघाई कॉरपोरेशन को मिला gangaस्वदेशी जागरण मंच ने भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से ठेका रद्द करने की मांग की gangaगलवान घाटी में पैदा हुए तनाव के बाद देशभर में चीन और उसके सामान का विरोध हो रहा है

एक और चीन, भारत की सीमा में घुसकर भारतीय सैनिकों को मार रहा है, दूसरी ओर चीन की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में घुसकर अरबों-खरबों के ठेके हासिल कर रही हैं। मेरठ-दिल्ली कोरिडोर बनाने के लिए चीनी कंपनी ने 1,100 करोड़ रुपए का ठेका हासिल किया है।

सोमवार की रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। इस घटना के बाद से पूरे देश में रोष व्याप्त है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के तमाम इलाकों में बुधवार की सुबह से चीन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। चीनी सामान का बहिष्कार करने की अपील की जा रही है। एक-दो जगहों पर तो चीनी सामान की होली भी जलाई गई है। इस बीच बड़ी खबर सामने आई है। मेरठ-दिल्ली कोरिडोर बनाने के लिए चीनी कंपनी ने 1,100 करोड़ रुपए का ठेका हासिल किया है।

सरकार भारतीय कंपनियों को दरकिनार कर चीनी कंपनियों को सड़क बनाने के ठेके दे रही है। केंद्र सरकार ने दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका चीन की एक कंपनी को देने का फैसला किया है। अंडरग्राउंड स्ट्रेच बनाने के लिए सबसे कम खर्च की बोली एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने लगाई है। दरअसल, दिल्ली-मेरठ ​रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट के अंडरग्राउंड स्ट्रेच बनाने के लिए सबसे कम की बोली एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने लगाई है। सबसे कम बोली लगाने वाली चीनी कंपनी को सरकार ने 1100 करोड़ रुपये का यह ठेका चीनी कंपनी को मिलने पर सरकार पर पक्ष-विपक्ष दोनों हमलावर हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी मोदी सरकार से इस बोली को रद्द करने की मांग की है। ठेका किसी भारतीय कंपनी को दिए जाने की मांग की है। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि अगर आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाना है तो ऐसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में चीनी कंपनियों को शामिल होने का अधिकार ही नहीं देना चाहिए। मंच ने कहा कि सरकार को तुरंत चीनी कंपनी का ठेका रद्द कर देना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में भी ऐसी कोई गलती ना हो।

स्वेदशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मांग की है कि इस ठेके को तत्काल रद्द किया जाए। आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किमी तक अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण होना है। इस पूरे प्रोजेक्ट का प्रबंधन नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन कर रहा है। इस परियोजना पर करीब डेढ़ साल पहले काम शुरू किया जा चुका है। गाजियाबाद और मेरठ के बीच कई हिस्सों में निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए पांच कंपनियों ने बोली लगाई थी। जिनमें चीन की कंपनी एसटीईसी ने सबसे कम 1,126 करोड़ रुपये की बोली लगाई। भारतीय कंपनी लार्सन ऐंड टूब्रो ने 1,170 करोड़ रुपये की बोली लगाई। एक और भारतीय कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स और एसकेईसी के जेवी ने 1,346 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। लार्सन एंड टूब्रो के मुकाबले एसटीसी की बोली महज 34 करोड रुपए कम थी। लिहाजा, ठेका एसटीसी को दे दिया गया। अब स्वदेशी जागरण मंच और तमाम दूसरे संगठन यही सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे ठेकों में चीन या दूसरे देशों की कंपनियों को बोली लगाने की इजाजत ही क्यों दी जा रही है।

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