नोएडा में पहला स्काईवॉक बनाने का काम शुरू, जानिए क्या खासियत होंगी

नोएडा में पहला स्काईवॉक बनाने का काम शुरू, जानिए क्या खासियत होंगी

नोएडा में पहला स्काईवॉक बनाने का काम शुरू, जानिए क्या खासियत होंगी

Social Media | प्रतीकात्मक फोटो

सेक्टर-1 गोल चक्कर पर न्यू अशोक नगर, सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन और उद्योग मार्ग की ओर बनेगा gangaइसे एल आकार में बनाया जाएगा, बुधवार को नोएडा विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया हैgangaइसे एल आकार में बनाया जाएगा, बुधवार को नोएडा विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया हैgangaनोएडा मेट्रो और ग्रेनो मेट्रो के बीच स्काईवॉक का काम अभी लटका है, लग सकते हैं दो-तीन सालgangaस्काईवॉक पर विकास प्राधिकरण पैसा खर्च नहीं करेगा, कंपनियों को बीओटी के आधार पर देगा टेंडर

नोएडा विकास प्राधिकरण शहर की सूरत बदलने में जुटा है। कुछ ऐसी परियोजनाओं पर प्राधिकरण का फोकस है, जिनके जरिए आम आदमी को राहत मिले और शहर की खूबसूरती भी बढ़े। अब विकास प्राधिकरण ने शहर में स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। बुधवार को पहले स्काईवॉक के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। दूसरे स्काई वॉक का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। बड़ी बात यह होगी कि इन स्काईवॉक को बनाने पर विकास प्राधिकरण कोई खर्च नहीं करेगा। प्राइवेट कंपनियों को बीओटी के आधार पर यह जिम्मेदारी दी जाएगी।

नोएडा का पहला स्काईवॉक बनाने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण ने काम शुरू कर दिया है। शहर के सेक्टर-1 गोल चक्कर पर न्यू अशोक नगर, सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन और उद्योग मार्ग की ओर इसे एल आकार में बनाया जाएगा। लोगों के चढ़ने-उतरने के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर की भी सुविधा होगी। इसके लिए बुधवार को नोएडा विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है। काम शुरू होने पर यह छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। दिल्ली के अक्षरधाम की ओर से नोएडा में प्रवेश करते ही यह स्काईवॉक सामने नजर आएगा।

प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि अभी नोएडा में कोई स्काईवॉक नहीं है। अब शहर की इमेज बदलने के लिए स्काईवॉक बनाने का निर्णय लिया गया है। शुरूआत सेक्टर-1 गोल चक्कर से की जाएगी। बताया कि सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-14 तक (न्यू अशोक नगर दिल्ली की ओर) इस वॉक वे की लंबाई 21 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर होगी। उद्योग मार्ग की ओर वॉक वे की लंबाई 47 मीटर और चौड़ाई 2.30 मीटर होगी। 

विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इसकी सीढ़ियां 2.5 मीटर चौड़ी होंगी। इस स्काईवॉक में तीन तरफ सीढ़ियां बनाई जाएंगी। सीढ़ियां सेक्टर-14 की ओर, डीएससी रोड के साथ सेक्टर-1 की ओर और उद्योग मार्ग पर इंडियन ऑयल इमारत की ओर बनाई जाएंगी। सेक्टर-14 की तरफ एक लिफ्ट भी लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि उद्योग मार्ग पर इंडियन ऑयल की तरफ एस्केलेटर लगाया जाएगा। वॉक वे की सीढ़ियों पर ग्रेनाइट फ्लोरिंग होगी।

विकास प्राधिकरण ने बताया कि इस स्काईवॉक को बीओटी (बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर) के आधार पर बनाया जाएगा। यह स्काईवॉक एक कंपनी बनाएगी। वही कम्पनी मरम्मत का काम देखेगी। उसको स्काईवॉक पर विज्ञापन लगाने का अधिकार दिया जाएगा। इसको बनाने में करीब 6 करोड़ की लागत आंकी गई है। स्काईवॉक बनाने में नोएडा प्राधिकरण कोई पैसा खर्च नहीं करेगा। इसको बनाने के लिए बुधवार को टेंडर जारी कर दिया गया है। इच्छुक कंपनियों को 15 दिन में आवेदन करना होगा। 

प्राधिकरण आठ साल के लिए किसी कंपनी को बीओटी के आधार पर काम देगी। टेंडर में कंपनी का चयन करने के बाद काम शुरू होगा। कंपनी को छह महीने के अंदर स्काईवॉक का काम पूरा करना होगा।

बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-18 तक बनेगा दूसरा स्काईवॉक

विकास प्राधिकरण सेक्टर-38ए बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-18 तक भी स्काईवॉक बनवाएगा। यह स्काईवॉक जीआईपी मॉल के सामने से होकर गुजरेगा। इसमें एक हिस्से में पैदल लोगों के लिए और दूसरे हिस्से में साइकिल से चलने की भी सुविधा होगी। इसको लेकर प्राधिकरण की मॉल प्रबंधन से बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि इसको बनाने के लिए जल्दी टेंडर जारी किया जाएगा। इसको भी बीओटी आधार पर बनाया जाएगा।

दूसरी ओर सेक्टर-51-52 के मेट्रो स्टेशनों के बीच स्काईवॉक में देरी

दूसरी ओर सेक्टर-51-52 मेट्रो स्टेशनों के बीच स्काईवॉक प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक इन दोनों स्टेशन के बीच भूखंड खरीदने वाली आइकिया कंपनी ने इसकी रजिस्ट्री नहीं कराई है। कोरोना वायरस के कारण फैसले संक्रमण से कंपनियों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। ऐसे में अभी इसके बनने में दो-तीन साल लग सकते हैं। इस स्काईवॉक के नहीं बनने से लोगों को दोनों स्टेशन के बीच पैदल या ई-रिक्शा से आना-जाना पड़ता है। इसका असर ग्रेटर नोएडा मेट्रो की राइडरशिप पर भी पड़ रहा है।

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