Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
करीब डेढ़ महीने से लॉकडाउन से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कंटेनमेंट जोन से जुड़े मानकों को शिथिल कर दिया है। जिससे अब संक्रमित मरीज मिलने के बाद लंबे अरसे तक उस इलाके के लोगों को सीलिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए मानकों को शिथिल करके उत्तर प्रदेश के जिलों में लागू करने की अनुमति प्रशासन को दे दी है।
अब तक मानक क्या था
नए मानकों के अनुसार गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सारे कंटेनमेंट जोन का नए सिरे से निर्धारण कर दिया है। गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के नए कंटेनमेंट जोन की लिस्ट गुरुवार की देर रात जारी की है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि अभी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के अनुसार किसी इलाके में पाए गए संक्रमित मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के 28 दिन बाद तक उस इलाके में सीलिंग और कंटेनमेंट एक्टिविटी लागू रहती थी। अभी तक हम लोग इसी परिभाषा का पालन कर रहे थे और कंटेनमेंट जोन में सीलिंग लागू की गई थी।
अब नया मानक क्या है
सुहास एलवाई ने बताया कि अब राज्य सरकार से विचार-विमर्श करने के बाद कंटेनमेंट जॉन के नए मानक तय किए गए हैं। हमने नए मानकों के अनुसार कई आवासीय क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन से बाहर निकाल दिया है। अब ने मानक के मुताबिक अंतिम संक्रमित मरीज की सैंपलिंग डेट के 21 दिन बाद तक उसके आवासीय क्षेत्र में सीलिंग लागू रहेगी।
स्वास्थ्य विभाग का नजरिया महत्वपूर्ण होगा
डीएम ने कहा, हालांकि जिन इलाकों को डी-सील किया गया है या भविष्य में किया जाएगा, उन पर अगले 28 दिनों तक स्वास्थ्य विभाग निगरानी रखेगा। अगर स्वास्थ्य विभाग को वहां कोई विशेष नियंत्रण अथवा अभियान चलाने की जरूरत महसूस होती है तो पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। मतलब, अगर वहां के निवासी नियम कायदों, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का व्यवस्थित तरीके से पालन नहीं करते हैं तो सीलिंग दोबारा लागू की जा सकती है। संक्रमण की वापसी की संभावना नजर आने पर भी पाबंदियां दोबारा लगाई जा सकती हैं।
सवाल करने या सुझाव देने के लिए ई-मेल आईडी जारी
जिलाधिकारी ने जिले के निवासियों से अपील की है कि अगर इस संबंध में किसी व्यक्ति को कोई सुझाव या सवाल पूछना है तो वह मेल आईडी cmogbnr@gmail.com पर भेज सकते हैं।
क्या हैं श्रेणी एक और दो के कंटेनमेंट जोन
श्रेणी एक में उन कंटेनमेंट जोन को रखा जाता है, जहां कोरोनावायरस से संक्रमण का केवल एक मामला सामने आता है। ऐसे संक्रमित मरीज के घर को केंद्र मानकर 400 मीटर के दायरे में बचाव और राहत अभियान चलाया जाता है। इस 400 मीटर के दायरे में संभावित संक्रमण की पहचान स्वास्थ्य विभाग करता है। श्रेणी दो में वह कंटेनमेंट जोन होते हैं, जिन आवासीय क्षेत्रों में 1 से अधिक कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज पाए जाते हैं। इन मरीजों के आवास को केंद्र मानकर चारों तरफ 1 किलोमीटर के दायरे में सर्वे किया जाता है। इन आवासीय क्षेत्रों से नागरिकों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाता है।