फांसी पर लटकने से पहले अपना गुनाह कुबूल कर गए निर्भया के दोषी

फांसी पर लटकने से पहले अपना गुनाह कुबूल कर गए निर्भया के दोषी

फांसी पर लटकने से पहले अपना गुनाह कुबूल कर गए निर्भया के दोषी

Tricity Today | Convicts of Nirbhaya Case accepted their crime before hang

दिल्ली की सड़कों पर करीब सात साल पहले 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है। तमाम कानूनी अड़चनों के बाद अंततः फांसी हुई। दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 5.30 बजे चार दोषियों को फांसी दी गई है। बड़ी बात यह कि फांसी पर लटकने से पहले एक दोषी विनय खूब रोया। उसने अफसरों के सामने हाथ जोड़े और अपना गुनाह कुबूल किया। यहां तक कि उसने फंदे पर जाने के लिए कपड़े तक बदलने में आनाकानी की। हाथ जोड़कर खड़ा हो गया।

तिहाड़ के बाहर सुरक्षा कड़ी करते हुए अद्धसैनिक बल के जवानों को भी तैनात किया गया था। फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल के कई अधिकारी फांसी घर के पास पहुंचे, जिनकी निगरानी में फांसी की प्रक्रिया पूरी हुई। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया। इसके अलावा उसने रोना शुरू कर दिया और माफी मांगने लगा।

दोषियों को फांसी दिए जाने से पहले तिहाड़ जेल के बाहर भीड़ जुट गई थी। दिल्ली के स्थानीय लोग और कुछ एक्टिविस्ट सुबह चार बजे से ही जेल के बाहर जाकर खड़े हो गए थे। ये लोग 20 मार्च के इस दिन को निर्भया के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि बता रहे हैं। दोषियों के फांसी पर लटकाए जाने के बाद यहां पर कई लोगों ने जश्न भी मनाया और मिठाई भी बांटी।

फांसी से पहले सुबह 4 बजे चारों दोषियों को उठाया गया और नहाने के बाद नए कपड़े पहनने के लिए कहा गया।

इसके बाद दोषियों को जेल प्रशासन की ओर से चाय-नाश्ता पूछा गया, हालांकि किसी ने नाश्ता नहीं किया।

इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी।

ठीक 5.30 बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी के फंदे पर लटकाया गया।

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया के दोषियों द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था, इसमें फांसी की तारीख को आगे बढ़ाने की बात कही थी। इस फैसले के खिलाफ निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन रात को करीब 3.30 बजे SC ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया।

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