कोरोना मरीजों को हिंदू-मुस्लिम के आधार पर मिल रहे अलग-अलग वार्ड, क्या सरकार को हकीकत मालूम है?

कोरोना मरीजों को हिंदू-मुस्लिम के आधार पर मिल रहे अलग-अलग वार्ड, क्या सरकार को हकीकत मालूम है?

कोरोना मरीजों को हिंदू-मुस्लिम के आधार पर मिल रहे अलग-अलग वार्ड, क्या सरकार को हकीकत मालूम है?

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है और इसके मरीजों की संख्या 11 हजार पार कर गई है। इस बीच गुजरात से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कोरोना मरीजों का इलाज हिन्दू-मुस्लिम धर्म के आधार पर अलग-अलग वार्ड में किया जा रहा है। 

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में धर्म के आधार पर कोरोना वायरस से संक्रमित हिंदू और मुस्लिम मरीजों और संदिग्धों के लिए अलग-अलग वार्ड (कोविड-19 वार्ड) बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार के फैसले के तहत ही दोनों समुदाय के मरीजों को अलग-अलग रखने की यह व्यवस्था की गई है। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। 

इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गुणवंत एच राठौड़ के हवाले से कहा गया है कि यहां हिन्दू और मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं, इस तरह से अस्पताल में कोरोना वायरस के कुल मरीजों के लिए ऐसे 1200 बेड हैं। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया। 

रिपोर्ट के मुताबिक एक मरीज ने कहा, 'रविवार की रात को फर्स्ट वार्ड (ए-4) में भर्ती 28 मरीजों का नाम बुलाकर दूसरे वार्ड (सी-4) में शिफ्ट कर दिया गया। हमें ये नहीं बताया गया कि क्यों शिफ्ट किया जा रहा है। उस वक्त जितने भी कोरोना मरीज शिफ्ट किए गए, वे सभी एक ही समुदाय के थे। हमने अपने वार्ड में ड्यूटी कर रहे एक स्टाफ से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि दोनों धर्मों के मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है।'

वहीं, अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गुणवंत राठौड़ ने इस बारे में कहा ' सामान्य तौर पर अस्पताल में महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं, मगर यहां हमने कोरोना वायरस के हिुंदू-मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड की व्यवस्था की है।' जब उनसे इस व्यवस्था के कारण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के आदेश पर ही किया गया है और उनसे पूछ सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने के प्रोटोकॉल के अनुसार, एक कोरोना संदिग्ध मरीज को कन्फर्म कोरोना मरीज से अलग वार्ड में रखा जाता है, जब तक उसके टेस्ट का रिजल्ट न आ जाए। अस्पताल में भर्ती 186 लोगों में से 150 लोगो कोरोना पॉजिटिव हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया कि 150 मरीजों में से 40 मुस्लिम हैं।

हालांकि, इस मामले पर डिप्टी सीएम नितिन पटेल का कहना है कि मुझे इस तरह के फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सामान्य तौर पर महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड की व्यवस्था होती है। मैं इस बारे में पूछताछ करूंगा। बता दें कि गुजरात में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 737 हो गई है। गुजरात में कोरोना से 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 59 लोग या तो स्वस्थ हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।  

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