ग्रेटर नोएडा: 75 दिनों से घर नहीं गए कोरोना योद्धा, कोविड वार्ड में ड्यूटी करते संक्रमित हुए, ठीक होकर फिर इलाज में जुट गए

ग्रेटर नोएडा: 75 दिनों से घर नहीं गए कोरोना योद्धा, कोविड वार्ड में ड्यूटी करते संक्रमित हुए, ठीक होकर फिर इलाज में जुट गए

ग्रेटर नोएडा: 75 दिनों से घर नहीं गए कोरोना योद्धा, कोविड वार्ड में ड्यूटी करते संक्रमित हुए, ठीक होकर फिर इलाज में जुट गए

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे मेडिकल स्टाफ और वार्ड में ड्यूटी करने वाले कोरोना योद्धा 75-75 दिनों से अपनों से दूर हैं। वीडियो कॉलिंग के जरिये अपने परिवार से बात करते हैं तो परिजन उन्हें घर आने के लिए कहते हैं। कई मेडिकल स्टाफ तो ड्यूटी करते-करते पॉजिटिव हो गए। कोरोना को हराने के बाद वह फिर ड्यूटी के लिए तैयार हो जाते हैं। इन लोगों का कहना है कि महामारी के इस दौर में लोगों का इलाज करना पहली प्राथमिकता है।

कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स, नर्स और मेडिकल स्टाफ लगातार अपने परिवार से दूर रहकर मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। शारदा अस्पताल के करीब 100 से  अधिक डॉक्टर और अन्य स्टाफ 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ पिछले 20 दिनों से ज्यादा समय से अपने घर परिवारों से दूर रहकर पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 

शारदा अस्पताल में तैनात वार्ड बॉय तस्लीम खान ने बताया कि उनकी ड्यूटी मरीज़ों के साथ रहने की है। बीमारों के साथ रहने से वह खुद भी पॉजिटिव हो गए थे। अस्पताल में इलाज करने के बाद वह घर गए। पूरी तरह ठीक होने के बाद दोबारा से ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। फ़िलहाल 22 दिनों से वह घर नहीं गए हैं। फोन पर ही घरवालों से बात होती हैं। पॉजिटिव होने के बाद ठीक होकर दोबारा ड्यूटी पर आना अच्छा लगता है।

75 दिन से घर नहीं गए

हाउस कीपिंग स्टाफ अनिल कुमार इन दिनों कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। अनिल ने बताया कि वह पिछले 75 दिनों से अस्पताल में हैं। घरवालों और बच्चों से केवल वीडियो कॉल या फोन के माध्यम से ही बात करते हैं। परिवार के साथ रहना अच्छा रहता है, लेकिन इस महामारी में मरीजों की सेवा भी अलग अहसास कराता है। नौकरी तो हो रही है, लेकिन मरीजों की सेवा से भी सुकून मिलता है।

पहले मरीजों का इलाज, बाकी काम बाद में

कोविड मरीजों के लिए लेवल-3 शारदा अस्पताल के डॉ. महक लाम्बा ने बताया कि इस महामारी के समय मरीज़ों का उपचार जरूरी है। वह 15 दिनों से वह परिवार वालों से नहीं मिली हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने उनके रहने और खाने का इंतजाम किया है। उनके रहने की जगह और खाने की जगह रोज सेनिटाइज की जाती है। अस्पताल उनका भी ख्याल रख रहा है।

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