Tricity Today | आईटी इंजीनियर उमंग
कोरोना वायरस से संक्रमित एक और मरीज स्वस्थ हो गया है। इसका उपचार ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रहा था। सोमवार की दोपहर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और उसके घर भेज दिया गया है। यह युवा आईटी इंजीनियर है और ग्रेटर नोएडा के सेक्टर एल्फा वन का निवासी है।
जिम्स से डिस्चार्ज होने के बाद सेक्टर अल्फा-1 के निवासी आईटी इंजीनियर उमंग ने कहा, मैं कंपनी की ओर से पत्नी के साथ दो मार्च को न्यूयार्क गया था। 17 मार्च को मैं ग्रेटर नोएडा वापस आ गया था। सब जगह कोरोना वायरस को लेेकर जांच चल रही थी। न्यूयार्क से लौटने के बाद 18 मार्च को मैं और मेरी पत्नी ने जिम्स में जाकर कोरोना की जांच कराई। जांच कराने के बाद हम लोग घर पर ही क्वारंटाइन रहे। 21 मार्च को जांच रिपोर्ट आ गई। जांच रिपोर्ट में कोरोना पाजिटिव आने के बाद 21 मार्च को जिम्स में भर्ती कर लिया गया।
उमंग ने कहा, 30 मार्च को जिम्स से घर भेज दिया गया। यहां से निकलकर बहुत अच्छा लग रहा है। भेजने से पहले दो बार कोरोना की जांच कराई गई। दोनों बार जांच रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। मुझे तो कोरोना जैसे बहुत लक्षण भी नहीं थे। लेकिन हम न्यूयार्क से लौटे थे, इसलिए जांच करवा ली थी। जिम्स में बेहतर इलाज मिला। यहां पर सुविधाएं बेहतर हैं। डॉक्टरों ने भी पूरा सपोर्ट किया। वार्ड में टीवी लगा हुआ है। वहां टीवी देखकर और किताबें पढ़कर समय बिताया।
उमंग ने कहा, कोरोना एक फ्लू जैसा ही है। इससे बहुत डरने की जरूरत नहीं है। दरअसल, इससे जितना घबराओगे, उतनी ही परेशान रहोगे। अगर किसी को कोरोना हो भी जाए तो डरने की जरूरत नहीं है। सामान्य फ्लू की तरह इलाज हो जाता है। कोरोना होने पर बहुत सोचने की जरूरत नहीं है। जो डाक्टर बताएं, उसी हिसाब से काम करना चाहिए। सरकार जो कह रही है, उसी के हिसाब से काम करें। घर पर रहककर इस बीमारी को हराया जा सकता है।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ आरके गुप्ता ने कहा, जिम्स में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड है। सोमवार को यहां से दो और मरीजों को ठीक करके भेजा गया है। अब तक 5 मरीज ठीक होकर यहां से अपने घर जा चुके हैं। सभी को घर पर 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है। अभी जिम्स में 18 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है।