नोएडा की एक कम्पनी से 2 राज्यों के 6 शहरों में 33 लोगों को कोरोना का संक्रमण

नोएडा की एक कम्पनी से 2 राज्यों के 6 शहरों में 33 लोगों को कोरोना का संक्रमण

नोएडा की एक कम्पनी से 2 राज्यों के 6 शहरों में 33 लोगों को कोरोना का संक्रमण

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना वायरस कितना खतरनाक है, यह बताने के लिए केवल एक उदाहरण पर्याप्त है। नोएडा के सेक्टर 135 में स्थित सीजफायर इंडस्ट्रीज के मैनेजमेंट की एक छोटी सी लापरवाही 2 राज्यों के 6 शहरों में 33 लोगों पर अब तक भारी पड़ चुकी है। यह सभी लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर बीमार पड़ चुके हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और कितनी बढ़ेगी, इसका अनुमान स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और सरकार भी नहीं लगा पा रहे हैं।

नोएडा के सेक्टर-135 में स्थित इस कंपनी में ऑडिट करने आए एक ब्रिटिश नागरिक जॉन के संपर्क में आने से कर्मचारियों को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ और उसके बाद कर्मचारियों के परिवार चपेट में आने लगे। अब तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 24, बरेली में 6, बुलन्दशहर, गाजियाबाद और फरीदाबाद में एक-एक व्यक्ति चपेट में आ चुके हैं। ये सभी सीज फायर इंडस्ट्रीज में नौकरी करते हैं। इनमें ग्रेटर नोएडा के एक कर्मचारी का 2 साल का बच्चा भी शामिल है।

आखिर कैसे फैला संक्रमण
लन्दन से नोएडा आया एक ब्रिटिश नागरिक जॉन को इस संक्रमण के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा जा। गौतमबुद्ध नगर के स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से ब्रिटिश नागरिक और कम्पनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित गौतम बुद्ध नगर है। यहां इस खतरनाक वायरस से सोमवार की शाम तक 38 लोग संक्रमित हो चुके हैं। नोएडा के सेक्टर-135 में सीज फायर नाम की एक कंपनी के 33 कर्मचारियों और उनके परिजनों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इसके लिए कंपनी की आपराधिक लापरवाही  जिम्मेदार है।

गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि नोएडा की कंपनी सीजफायर के मैनेजमेंट की लापरवाही जिले पर भारी पड़ी है। सीएमओ डॉ अनुराग भार्गव ने बताया कि सीजफायर कंपनी के प्रबंधक निदेशक एक मार्च को यूके से लौट कर आए थे। फिर 7 मार्च को उनके स्टाफ ऑफिसर लौट कर आए थे। 14, 15 और 16 मार्च को एक विदेशी ऑडिटर ने कंपनी में आकर ऑडिट किया। जिसकी सूचना कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी।

सीएमओ ने बताया कि कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। मंगलवार की सुबह कम्पनी को एसडीएम ने सील कर दिया है।

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