डीएम गौतमबुद्ध नगर से मिले क्रेडाई के बिल्डर, रियल एस्टेट और प्रोपर्टी बाजार को पटरी पर लाने के लिए सुझाव दिए

डीएम गौतमबुद्ध नगर से मिले क्रेडाई के बिल्डर, रियल एस्टेट और प्रोपर्टी बाजार को पटरी पर लाने के लिए सुझाव दिए

डीएम गौतमबुद्ध नगर से मिले क्रेडाई के बिल्डर, रियल एस्टेट और प्रोपर्टी बाजार को पटरी पर लाने के लिए सुझाव दिए

Tricity Today |

उत्तर प्रदेश में Real Estate Sector को वापस पटरी पर लाने, आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने और नए रोजगार के सृजन के लिए CREDAI वेस्टर्न यूपी के प्रतिनिधि सोमवार को Gautam Buddh Nagar के District Magistrate Suhas LY से मिले। इस दौरान क्रेडाई की तरफ से प्रदेश में स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क में कमी लाने की मांग करते हुए लिखित ज्ञापन भी दिया। 

क्रेडाई के प्रतिनिधि दल ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी मांग रखीं। जिसमें प्रदेश और जिले में स्टाम्प दर को आने वाले कुछ महीनों तक घटा दिया जाए। अग्रीमेंट टू सब लीज के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाले शुल्क को न्यूनतम किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शहरी विकास व आवास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के आग्रह के बाद कई प्रदेशों ने स्टाम्प दर में कमी की है। कई प्रदेशों में विचार भी चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने स्टम्प दर में 3% की कटौती की। अब दिसंबर 31 तक घर खरीदार 5% के बजाये केवल 2% स्टाम्प दर ही चुकाएंगे। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में भी स्टाम्प दर को घटाने के लिए क्रेडाई ने जिलाधिकारी के साथ मुलाकात की है। 

इसके अलावा रेरा लागू होने के बाद से बिल्डर बायर एग्रीमेंट, एग्रीमेंट टू सब लीज को रजिस्टर करना अनिवार्य कर दिया गया था। वर्तमान में घर खरीदार को संपत्ति का 1% रजिस्ट्रेशन शुल्क देना पड़ता और पुनः सेल डीड के रजिस्ट्रेशन में भी 1% का शुल्क देना पड़ता। इस तरह से घर खरीदार को एक ही घर के लिए 2 बार रजिस्ट्रेशन शुल्क का भार उठाना पड़ता है। जिससे घर खरीदार प्रॉपर्टी रजिस्टर करने से बचते हैं। अगर एग्रीमेंट टू सब लीज को न्यूनतम कर दिया जाए तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में भी बढ़ोतरी होगी और राजस्व प्राप्ति भी बढ़ेगी। 

क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव सुबोध गोयल ने कहा, "महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी में कटौती के लिए हमने जिला प्रशासन से मिलकर अनरोध किया है। उत्तर प्रदेश सरकार अगले 6 महीने से 1 साल तक के लिए स्टाम्प ड्यूटी में कमी लाये। इसके अलावा बायर बिल्डर एग्रीमेंट या एग्रीमेंट टू सब लीज के लिए रजिस्ट्रेशन पर लगने वाले वर्तमान शुल्क को भी न्यूनतम किया जाये। जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश में रोजगार का सृजन हो और राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सके।"

कोविड-19 महामारी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने, नए रोजगार के सृजन करने और राज्य में आय की वृद्धि के लिए क्रेडाई ने जिला प्रशासन के समक्ष ये बाते रखी हैं। एक घर खरीदार को टैक्स के रूप में बहुत बड़ी रकम चुकानी पड़ती है। अगर टैक्स में कमी की जाए तो प्रॉपर्टी की अफोर्डेबिलिटी बढ़ जाती है। प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री से रियल एस्टेट सेक्टर में सकारात्मकता लायी जा सकती है।

इस बारे में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि आज क्रेडाई के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की थी। उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की है। खासतौर से उनका फोकस सर्किल रेट पुनः निर्धारित करने, स्टांप शुल्क घटाने, रजिस्ट्री शुल्क घटाने, बिल्डर-बायर एग्रीमेंट और फ्लैट बायर के पजेशन वाले घरों की रजिस्ट्री पर रहा। सर्किल रेट की नई दर तय करने के लिए हमने एसडीएम की अध्यक्षता में चार समिति बना रखी हैं। स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन की दरों पर विचार करने का अधिकार उत्तर प्रदेश सरकार को है। उनका पत्र शासन को भेज दिया जाएगा।

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