Tricity Today | राहुल-सोनिया से मिलने दिल्ली पहुंचे पायलट
राजस्थान कांग्रेस में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी सचिन पायलट के बीच टकराव के कारण संकट गहरा गया है। जहां गहलोत बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं कि विधायकों का अवैध शिकार करके राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, वहीं राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर पार्टी नेतृत्व से बात करने के लिए सचिन पायलट दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, पायलट ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मीटिंग का समय माँगा है। बैठक का समय अभी तक नहीं दिया गया है। हालांकि पायलट ने पार्टी के एक अन्य नेता से मुलाकात की और उन्हें राज्य के हालात से अवगत कराया और उनकी शिकायत को दूर किया। जानकारी मिल रही है कि सचिन पायलट राहुल गांधी से भी मिलना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री को कई निर्दलीय विधायकों के साथ कांग्रेस के करीब 30 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राजस्थान में विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने राज्य के कांग्रेस विधायकों की कथित अवैध खरीद फरोख्त में बयान दर्ज करवाने के लिए सचिन पायलट को ही नोटिस भेज दिया है। सचिन पायलट न केवल राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं बल्कि वह राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं।
गहलोत और पायलट के बीच रस्साकशी पीसीसी चीफ के पद को लेकर भी है, क्योंकि गहलोत कैंप चाहता है कि राजस्थान में 'वन लीडर वन पोस्ट' फॉर्मूला लागू किया जाए। वर्तमान में सचिन पायलट डिप्टी सीएम पद संभालने के अलावा पीसीसी की कमान संभाल रहे हैं।
सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी है कि युवा नेता उन्हें जारी किए गए नोटिस से दुखी हैं। उनका मानना है कि इसका उद्देश्य उनके फोन कॉल रिकॉर्ड करना और उन्हें निगरानी में रखना है। पायलट के कई समर्थकों ने आक्रोश महसूस किया और पायलट से कहा कि वे अशोक गहलोत के साथ काम नहीं कर सकते। सूत्रों के मुताबिक, पायलट आज होने वाली गहलोत की बैठक में भाग नहीं लेंगे।
हालांकि, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस बात को लेकर नाराजगी जताई है कि वे इससे खुश नहीं हैं। राजस्थान एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया, "सब कुछ नियंत्रण में है। कुछ विधायकों के मुद्दे थे और चर्चा के बाद वे वापस जयपुर लौट आए हैं। अन्य लोग भी संपर्क में हैं। सरकार को अस्थिर करने की भाजपा की कोशिश राजस्थान में सफल नहीं होगी।"
दूसरी ओर गहलोत ने जयपुर में कल रात मंत्रियों के साथ बैठक की। गहलोत खेमे के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व को राज्य में अवैध खरीद फरोख्त के प्रयास से अवगत कराया गया है। इस पॉलिटिकल क्राइसिस के बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने आज रात फिर अपने आवास पर मंत्रियों और सभी कांग्रेसी विधायकों की बैठक बुलाई है।
राजस्थान संकट ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को सतर्क कर दिया है। जिन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश की घटना राजस्थान में दोहराई नहीं जानी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, "हमारी पार्टी के लिए चिंता की बात है। क्या हम अपने अस्तबल से घोड़ों को फरार होने के बाद ही जागेंगे?"