नोएडा के चार अस्पतालों का डीएम ने अधिग्रहण कर स्वास्थ्य विभाग को कब्जा दिया

नोएडा के चार अस्पतालों का डीएम ने अधिग्रहण कर स्वास्थ्य विभाग को कब्जा दिया

नोएडा के चार अस्पतालों का डीएम ने अधिग्रहण कर स्वास्थ्य विभाग को कब्जा दिया

Tricity Today | DM Suhas LY

गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने नोएडा के 4 अस्पतालों का अधिग्रहण करके स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आदेश दिया गया है कि इन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड संचालित किए जाएं, जहां कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का उपचार किया जाएगा। नोएडा के सीएमओ ने चारों अस्पतालों पर कब्जा लेकर आइसोलेशन वार्ड तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

जिलाधिकारी ने बताया कि नोएडा शहर के चार अस्पतालों का अधिग्रहण कर लिया गया है। शहर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे। जिनमें संक्रमित लोगों का उपचार किया जाएगा। सभी चारों अस्पताल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंप दिए गए हैं। इनमें मोरना सेक्टर-35 का सुरभि हॉस्पिटल, सेक्टर-29 का भारद्वाज हॉस्पिटल, सेक्टर-61 का लाइफ केयर हॉस्पिटल और सेक्टर-19 का इंडो गल्फ हॉस्पिटल शामिल हैं।

आपको बता दें कि अभी गौतम बुद्ध नगर में कोरोनावायरस से संक्रमित 300 लोगों का एकसाथ उपचार करने की सुविधाएं विकसित कर ली गई हैं। जिन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनकर तैयार हैं, वहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अभी नोएडा में सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान और शारदा मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड काम कर रहे हैं। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में एआईआईएमएस में भी आइसोलेशन वार्ड बनाने का काम चल रहा है। ग्रेटर नोएडा के कैलाश प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल में भी 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

दरअसल, सरकार चाहती है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कम से कम 1000 बेड के आइसोलेशन वार्ड तैयार करके रखे जाएं। ताकि, आपातकालीन परिस्थितियों में इन अस्पतालों का उपयोग किया जा सके। यह जान लेना भी जरूरी है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित नहीं होंगे। जरूरत पड़ने पर दिल्ली-एनसीआर और वेस्ट यूपी से लाकर मरीजों का इलाज यहां करना पड़ सकता है। दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ और गाजियाबाद के बाद सबसे अच्छी मेडिकल फैसिलिटी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही उपलब्ध हैं। ऐसे में बाकी जिलों के रोगियों का उपचार यहां करना पड़ सकता है। अब जिस तरह से तबलीगी जमातियों में संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं, उससे सरकार और सतर्क हो गई है।

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