मेरा इस्तीफा अस्वीकार करने के लिए आंदोलन न करें, रानी नागर ने अपील में कहा- हमने चंडीगढ़ में कैसे दिन काटे हैं, बस हमें पता है, रोटी खाने

मेरा इस्तीफा अस्वीकार करने के लिए आंदोलन न करें, रानी नागर ने अपील में कहा- हमने चंडीगढ़ में कैसे दिन काटे हैं, बस हमें पता है, रोटी खाने

मेरा इस्तीफा अस्वीकार करने के लिए आंदोलन न करें, रानी नागर ने अपील में कहा- हमने चंडीगढ़ में कैसे दिन काटे हैं, बस हमें पता है, रोटी खाने

Tricity Today | IAS Rani Nagar

हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर के इस्तीफे को लेकर बवाल चल रहा है। अब रानी नागर ने सोशल मीडिया पर आकर एक अपील की है। रानी ने लोगों से कहा है कि उनके इस्तीफे को लेकर विरोध नहीं करें। इस्तीफा स्वीकार होने में ही उन्हें फायदा है। वह अपनी कानूनी लड़ाई लगातार न्यायालय में लड़ती रहेंगी।

रानी ने लिखा, "मैं रानी नागर पुत्री स्व श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्ध नगर आप सभी से हाथ जोड़कर सादर यह विनती करती हूँ कि आप मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार ना किए जाने के लिए आग्रह व आंदोलन ना करें। मुझे माननीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मैं अपने केस में माननीय न्यायपालिका में जाती रहूँगी। मेरे पास अभी अपनी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन है।"

रानी ने आगे लिखा, "मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार होगा उतनी ही जल्दी मेरा तनख़्वाह में से कटा हुआ एन पी एस फ़ण्ड मुझे प्राप्त होगा जिससे मैं अपना रोटी का ख़र्चा चला पाऊँगी। मेरे इस्तीफ़ा स्वीकार ना होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। आगे सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए सम्भव नहीं होगा। यू टी गेस्ट हाऊस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाया जाना मना था।"

रानी आगे लिखती हैं, "मैं रूपये देकर यू टी गेस्ट हाऊस से जो खाना ख़रीदती थी मुझे उस खाने में लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था। इस बारे की गयी लिखित शिकायत की प्रति संलग्न है। लाक्डाउन व कर्फ़्यू में यू टी गेस्ट हाऊस को जनता के लिए बंद कर दिया गया लेकिन मुझे और मेरी बहिन रीमा नागर को यू टी गेस्ट हाऊस में ही रखा गया। कर्फ़्यू व लाक्डाउन में हमें खाना भी नहीं मिला। मैं और मेरी बहिन रीमा नागर ने कर्फ़्यू व लाक्डाउन में बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ अादि से अपना गुज़ारा चलाया। यदि आप मेरा इस्तीफ़ा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन ना करें तो आप सभी की हम पर बड़ी दया होगी।"

चार दिन पहले रानी नागर ने दिया इस्तीफा
हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर मूल रूप से बादलपुर गांव की रहने वाली हैं और वह अभी गाजियाबाद में रह रही हैं। रानी नागर ने 4 दिन पहले इस्तीफा दिया। वह चंडीगढ़ से गाजियाबाद अपने घर आ गई हैं। उनके इस्तीफे को अस्वीकार करने के लिए गुर्जर समाज के लोग बड़ी संख्या में पंचायतें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, बहुजन समाज पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल सिंह गुर्जर, बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद मलूक नागर समेत तमाम नेताओं ने उनका इस्तीफा अस्वीकार करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात की है।

हरियाणा के सीएम ने दिया था आश्वासन
मनोहर लाल खट्टर ने भी आश्वासन दिया था कि रानी नागर इस्तीफा नहीं देंगी, और अगर वह इस्तीफा देंगी तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब जब रानी नागर ने इस्तीफा दे दिया है तो इस पूरे मामले में अभी तक हरियाणा सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

हरियाणा के सीनियर आईएएस से चल रहा है विवाद
आपको बता दें कि रानी नागर का हरियाणा सरकार में एडीशनल चीफ सेक्रेट्री रैंक के एक आईएएस अधिकारी के साथ विवाद चल रहा है। जिसे लेकर रानी नागर ने न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया हुआ है। रानी नागर के आरोप हैं कि उन्हें परेशान किया जा रहा है। हरियाणा सरकार में कई सीनियर आईएएस अधिकारी नहीं चाहते कि वह हरियाणा में नौकरी करें। उन्हें जान से मारने की नियत से कई बार हमले किए गए हैं। उन्हें और उनकी बहन को हरियाणा में जान का खतरा है। उनके लिए ऐसी परेशानियां पैदा की जा रही हैं, जिससे कि वह हरियाणा छोड़कर चली जाएं। रानी नागर का कहना है कि इन्हीं सभी परेशानियों की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है।

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