Delhi: पीपीई किट बांटने पर हिंदूराव अस्पताल से डॉक्टर का निष्कासन

Delhi: पीपीई किट बांटने पर हिंदूराव अस्पताल से डॉक्टर का निष्कासन

Delhi: पीपीई किट बांटने पर हिंदूराव अस्पताल से डॉक्टर का निष्कासन

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

-निष्कासन के बाद डॉक्टर ने कहा पीपीई किट बांटना कोई अपराध नहीं हैganga-निगम की आयुक्त बोलीं- अस्पताल के एमएस के माध्यम से किट मिलनी थीganga-अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की एसोसिएशन के महासचिव हैं डॉक्टर

दिल्ली के वाड़ा हिंदूराव अस्पताल में काम करने वाले एक रेजिडेंट डॉक्टर को अस्पताल प्रशासन ने सीधे निष्कासित कर दिया है। डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस तक नहीं दिया गया। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक की ओर से जारी किए गए निष्कासन पत्र में इसकी वजह तक नहीं बताई गई है। नोटिस में लिखा है कि अस्पताल को बदनाम करने के लिए डॉक्टर को निष्कासित किया गया है। 

निष्कासित किए गए डॉक्टर पीयूष अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव हैं। उनका  कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौर में पीपीई किट की कमी को देखते हुए रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से एक एनजीओ से संपर्क किया गया था। बुधवार को चेहरे को संक्रमण से बचाने वाली फेस शील्ड एनजीओ ने दी थीं। इसके बाद अस्पताल में उन्होंने उसी दिन कुछ डॉक्टरों को यह किट बांट दीं। इसके बाद अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक का फोन आया और उन्हें सुरक्षा उपकरण अस्पताल में देने के लिए कहा गया। उस दिन वह शाम को अस्पताल नहीं गए थे। अगले दिन वह जब पीपीई किट लेकर बांटने जा रहे थे तो चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें निष्कासन का नोटिस थमा दिया। 

डॉक्टर पीयूष ने इसे अन्याय करार दिया है। वह अदालत में अपील करने की बात कह रहे हैं। डॉक्टर पीयूष का सवाल है कि कोरोना के दौर में अगर कोई सुरक्षा उपकरण अपने साथी डॉक्टर को दे रहा है तो यह अपराध कैसे है? दूसरी ओर उत्तरी निगम की आयुक्त वर्षा जोशी का कहना है कि एनजीओ से किट लेकर देने के लिए अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक संपर्क में थीं। अस्पताल प्रशासन के जरिए ये किट मुफ्त में उपलब्ध करवाई जानी थीं। इसके बाद अस्पताल तय करता कि किन लोगों को यह किट देनी हैं। हम जोखिम वाले हिस्सों में काम करने वाले डॉक्टर, सफाई कर्मी आदि को ये किट देते और निगरानी के साथ यह दिया जाना था। लेकिन डॉक्टर ने अस्पताल के नियमों के विरूद्ध जाकर खुद ही एनजीओ से किट ले लीं। इसलिए हमने कार्रवाई की है। 

इस पर डॉक्टर पीयूष का कहना है कि एनजीओ ने रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन को ये किट उपलब्ध कराई थीं। हमने कुछ किट डॉक्टरों को बांट दी और कुछ बाकी हैं। इससे पहले मार्च में अस्पताल की ऑर्थो इमरजेंसी वार्ड की छत से मरीजों के बिस्तरों पर पानी टपकने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस दौरान भी अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डॉक्टर पीयूष का आरोप है कि अस्पताल की समस्या को रखना अपराध कैसे है? उन्होंने कहा कि मुझे जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। एक महीने पहले भी अस्पताल ने कारण बताओ नोटिस दिया था और अब यह हाल है कि अब पीपीई नहीं मिलने पर निष्कासित कर दिया है। 

एम्स आरडीए ने निष्कासन वापस लेने की मांग की
एम्स की रेजिडेंटस डॉक्टर्स एसोसिएशन ने हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टर के निष्कासन को वापस लेने की मांग की है। अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर श्रीनिवासन का कहना है कि मामले में बिना जांच किए कैसे डॉक्टर को निष्कासित कर दिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसे में यह फैसला बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि मामले को केंद्र सरकार तक ले जाएंगे।

इस मुद्दे पर उत्तरी नगर निगम के मेयर अवतार सिंह का कहना है कि मेरी चिकित्सा अधीक्षक से बात हुई है। यह अभी कोरोना के समय का मामला नहीं है। डॉक्टर ने पहले भी सोशल मीडिया पर अस्पताल को बदनाम करने का काम किया है। अस्पताल ने विभागीय कार्रवाई करके यह निर्णय लिया है। क्योंकि, डॉक्टर ने घोर अनुशासनहीनता की है। 
 
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इसे घोर अन्याय करार दिया है। उनका कहना है, पीपीई किट नहीं मिलने के कारण डॉक्टर परेशान हैं। अगर कोई डॉक्टर पीपीई किट बांट रहा है तो उस पर राजनीति करने का बहुधा आरोप लगाकर निष्कासित कर रहे हैं। यह कोरोना से जंग में जुटे डॉक्टरों से अन्याय है।

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