Exclusive: चीन के महाशक्ति बनने का सपना चकनाचूर, महामारी के बाद क्या होगा भविष्य, GBU के शोध में चौंकाने वाले परिणाम

Exclusive: चीन के महाशक्ति बनने का सपना चकनाचूर, महामारी के बाद क्या होगा भविष्य, GBU के शोध में चौंकाने वाले परिणाम

Exclusive: चीन के महाशक्ति बनने का सपना चकनाचूर, महामारी के बाद क्या होगा भविष्य, GBU के शोध में चौंकाने वाले परिणाम

Tricity Today | Tricity Today Exclusive

दुनिया मे बड़े स्तर पर परिवर्तन का कारण बनेगा कोरोना वायरसgangaइस सर्वे में देश के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के छात्रों, शिक्षकों ने भाग लियाgangaकई सेक्टरों को बड़ा लाभ होने वाला है, सड़कों पर वाहनों की संख्या और बढ़ जाएगी

कोरोना वैश्विक महामारी के चलते भारत सहित अन्य देशों में पैदा हुए हालात का भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा? इसको लेकर बुद्धिजीवियों ने अपने अपने हिसाब से आंकलन करना शुरु कर दिया है। वर्तमान हालात ने लोगों को यह सोचने के लिए विवश कर दिया है कि क्या आर्थिक, औद्योगिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थितियां पहले ही तरह पुन: बहाल होंगी। इन सवालों का जवाब जानने के लिए गौतमबुद्ध विविद्यालय (GBU) के प्रबंधन विभाग ने एक ऑनलाइन सर्वे किया है। 

इस सर्वेक्षण में में विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र, शिक्षक, व्यापारी, सरकारी और निजी सेक्टर के कर्मचारियों ने भाग लिया। सर्वे के नतीजों के बारे में विवि के डॉ शुभोजित बनर्जी और डॉ मनमोहन सिंह शिशोदिया ने बताया कि अधिकांश लोगों का मत है कि वर्ष 2020 के अंत तक स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। हालांकि, 53 प्रतिशत व्यापारी वर्ग को लगता है कि स्थिति सामान्य होने में एक वर्ष या इससे भी अधिक समय लगेगा। 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लगेगा तगड़ा झटका, निजी वाहनों की संख्या सड़कों पर तेजी से बढ़ेगी
डॉ मनमोहन शिशोदिया ने बताया, आम लोगों की सोच के अनुसार सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि कोरोना वायरस के चलते बदलते हालात के बीच भविष्य में सिनेमा, पार्क, मॉल जाने की प्रवृत्ति में कमी आएगी। ऐसी जगहों पर मास्क और ग्लब्स पहनने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का कम से कम उपयोग करेंगे। निजी वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी। जीबीयू द्वारा किया गया सर्वे इस ओर भी इंगित करता है कि कोरोना से पैदा हुई परिस्थितियां कुछ हद तक शहरी चकाचौंध के कारण श्रमिकों और मजदूरों को गांव से शहर की ओर पलायन करने से रोकेंगी। लोग गांव में ही रहकर छोटा मोटा काम करना समझदारी समझेंगे। 

गांवों से शहरों की ओर पलायन की प्रवृत्ति कम होगी
डॉ शुभोजित बनर्जी ने कहा, इससे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण और कस्बाई अर्थतंत्र मजबूत होगा। शिक्षा क्षेत्र में बड़े परिवर्तनों के संकेत मिल रहे हैं। सामान्य कक्षा, सेमिनार, कॉन्फ्रेंस का स्थान डिजिटल क्लास, वेबिनार्स, ईकॉन्फ्रेंस आदि ले सकते हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय अधिकाधिक ऑनलाइन कोर्स प्रारंभ करेंगे। वहीं, स्कूल स्तर के पाठ्यक्रम में स्वच्छता, हाउस कीपिंग, कुकिंग, सिलाई आदि विषयों पर जोर दिया जा सकता है। इंजीनियरिंग और तकनीकी पाठ्यक्रमों में आपदा प्रबंधन, पुरातत्व विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, परजीवी विज्ञान आदि विषयों से कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है। 

चीन के महाशक्ति बनने का सपना टूट चुका है, भारत को बड़ा फायदा
डॉ बनर्जी के मुताबिक, जॉब की दृष्टि से हेल्थकेयर, आपदा प्रबंधन, ऑनलाइन सर्विसेज प्रमुखता से लोकप्रिय होंगे। सर्वे में एक महत्वपूर्ण बात सामने आई है। महामारी से पैदा हुए हालातों में चीन के महाशक्ति बनने के कोई संकेत नहीं हैं। अधिकांश का मानना है कि जिस तरह से अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और यूरोपियन देश प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना संकट के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उससे यह संभावना है कि बड़ी संख्या में विकसित देश चीन के साथ अपने कारोबार को कम करेंगे। जिसका लाभ भारत के उत्पादन और सेवा क्षेत्र को मिल सकता है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.