BREAKING: दिल्ली-एनसीआर में फिर आया भूकंप, रोहतक में था एपिसेन्टर

BREAKING: दिल्ली-एनसीआर में फिर आया भूकंप, रोहतक में था एपिसेन्टर

BREAKING: दिल्ली-एनसीआर में फिर आया भूकंप, रोहतक में था एपिसेन्टर

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

रविवार (7 जून) सुबह की सुबह 11:55 बजे राष्ट्रीय राजधानी के करीब फिर भूकम्प के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि, रिक्टर स्केल पर 1.3 की तीव्रता का बहुत हल्का भूकंप आया था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि हरियाणा में रोहतक जिले के दक्षिण-पूर्व में 23 किलोमीटर इसका एपिसेन्टर था। जमीन में करीब 5 किलोमीटर की गहराई पर भूकंप का केंद्र था।

इससे पहले हरियाणा के रोहतक में 29 मई को 4.6 और 2.9 तीव्रता के दो भूकंप आए थे। 3 जून को भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नोएडा के पास 3.0 तीव्रता का मध्यम तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा से 19 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था।

देश के कुछ शीर्ष भूवैज्ञानिकों के अनुसार पिछले डेढ़ महीने के अंतराल में दिल्ली-एनसीआर को हिलाकर रख देने वाले मध्यम से कम तीव्रता के 10 भूकम्प आए हैं। इससे संकेत मिलता है कि एक शक्तिशाली भूकंप निकट भविष्य में भारत की राष्ट्रीय राजधानी पर हमला कर सकता है। दुर्भाग्य से दिल्ली उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र-4 के अंतर्गत आता है। दिल्ली के सीमावर्ती शहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोनीपत हाईराइज इमारतों की संख्या हजारों में है।

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इनमें से बहुत सारी इमारतें भूकंप प्रतिरोधी निर्माण के लिए निर्धारित ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) के अनिवार्य दिशा निर्देशों का पालन नहीं करती हैं। नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली के दूसरे पड़ोसी इलाकों में असंख्य ऊंची इमारतें बीआईएस मानदंडों का उल्लंघन करके बनाई गई हैं। 

इस साल 12 अप्रैल से 29 मई तक नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दिल्ली-एनसीआर में दस भूकंप दर्ज किए गए हैं। इस अवधि के दौरान उत्तराखंड में चार और हिमाचल प्रदेश में भी छह झटके दर्ज किए गए हैं। यह बेहद संवेदनशील स्थिति है।

इनमें से अधिकांश भूकंप 2.3 से 4.5 तक कम परिमाण के थे। ऐसे भूकंपों की यह श्रृंखला भू-वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई। यह आने वाले दिनों में दिल्ली में बड़े भूकंप की चेतावनी देती है। दिल्ली में भूकंप के बढ़ते झटकों की एक वजह यह भी है कि यहां की स्थानीय फॉल्ट प्रणाली काफी सक्रिय है।

दिल्ली के आसपास ऐसी दोष प्रणालियां 6 से 6.5 के आसपास की तीव्रता के भूकंप का उत्पादन करने में सक्षम हैं। एक अध्ययन में यह भी पता चला है कि दक्षिण और मध्य दिल्ली के हिस्से अधिक सुरक्षित हैं। वे क्षेत्र जो यमुना नदी के पास स्थित हैं।

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