Tricity Today | रॉयल गैलेक्सी अपार्टमेंट में भूकंप के कारण दरार आई
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर सिटी दो के रॉयल गैलेक्सी अपार्टमेंट में जनवरी महीने में आए भूकंप के कारण दरारें पड़ गई थीं। इन दरारों के कारण बेसमेंट पार्किंग में पानी भर रहा है। दूसरी ओर वाहनों के लिए आवागमन बाधित हो गया है। खासतौर से फायर ब्रिगेड का रास्ता खत्म हो चुका है। निवासियों का कहना है कि ऐसे में अगर कोई आगजनी की घटना होती है तो उससे निपटने में संकट खड़ा हो सकता है।
सोसायटी में रहने वाले मयंक गुप्ता ने कहा, "जनवरी में जब भूकंप आया था तो सोसाइटी के कई हिस्सों में दरारें पड़ गई थीं। सबसे बड़ी दरार सोसायटी के पेरिफेरल पाथवे में आई है। इसके नीचे बेसमेंट पार्किंग है। इस दरार से होकर बारिश का पानी नीचे बेसमेंट पार्किंग में भर रहा है। इस बारे में बिल्डर से बात की गई तो उसका कहना है कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। बेसमेंट पार्किंग के लिंटेल का जॉइंट इसके नीचे है। जिससे पानी रिसकर बेसमेंट पार्किंग में जा रहा है। इसे जल्दी ही ठीक करवा दिया जाएगा, लेकिन कई महीने बीतने के बावजूद भी बिल्डर ने इस समस्या का समाधान नहीं किया है।"
मयंक आगे कहते हैं, "इसका सबसे बड़ा नुकसान लोगों को उठाना पड़ रहा है। रास्ते से होकर वाहन गुजर नहीं पाते हैं। अगर ईश्वर ना करें सोसाइटी में आगजनी की कोई घटना हो जाए तो इसी रास्ते से होकर फायर ब्रिगेड को जाना पड़ेगा। बड़ी दरार होने के कारण फायर ब्रिगेड रास्ते से नहीं गुजर पाएगी। ऐसे में आगजनी जैसी गंभीर घटना से निपटना संभव नहीं हो पाएगा। इस बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और फायर डिपार्टमेंट से भी शिकायत की गई है। दोनों सरकारी महकमों ने कोई कदम नहीं उठाया है। बिल्डर हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है।"
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तमाम हाउसिंग सोसाइटी से घटिया निर्माण की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं। छोटी-मोटी आंधी, बारिश और भूकंप आने पर निर्माण क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। आए दिन छतें टूटकर गिर जाती हैं। बालकनी उखड़ जाती हैं। दीवारें धंस रही हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कमोबेश हर हाउसिंग सोसायटी का यही हाल है। शहर के निवासी बिल्डरों पर घटिया कंस्ट्रक्शन करने और विकास प्राधिकरण पर उचित ढंग से निगरानी नहीं करने का आरोप लगाते हैं। पिछले दिनों एक हाउसिंग सोसाइटी में ऐसी घटना होने के बाद बिल्डरों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई थी। बिल्डर के कर्मचारियों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया था।