10 महीनों में 15 बार डोली जमीन, क्या आने वाली है तबाही? डरिए नहीं पढ़िए

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप: 10 महीनों में 15 बार डोली जमीन, क्या आने वाली है तबाही? डरिए नहीं पढ़िए

10 महीनों में 15 बार डोली जमीन, क्या आने वाली है तबाही? डरिए नहीं पढ़िए

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप की आवृत्ति बढ़ रही है। गुरुवार की आधी रात एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बड़ी बात यह है कि पिछले 10 महीनों में 15वीं बार भूकंप आया है। दिल्ली पुलिस के चारों ओर लगातार भूकंप आ रहे हैं। हालांकि, पहले से ही इस इलाके को भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है, लेकिन पिछले 10 महीनों के दौरान जिस ढंग से भूकंप की आवृत्ति बढ़ी है। उससे न केवल आम आदमी बल्कि भूवैज्ञानिक भी चिंता में पड़े हुए हैं। कुछ विशेषज्ञों का तो कहना है कि यह किसी बड़ी आपदा से पहले की चेतावनी है।

गुरुवार की ठीक रात के 11 बजकर 45 मिनट पर भूकंप के झटके से दिल्ली हिल गई। आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के बाद यह 15वीं बार दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार की रात आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई है। इसका केंद्र दिल्ली से सटे गुरुग्राम से 48 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि झटका ज्यादा जोर का नहीं था, लेकिन यह डराने वाली बात है।

सभी के मन में कुछ सवाल हैं, आखिर दिल्ली बार-बार क्यों हिल रही है? दिल्ली में बार-बार भूकंप क्यों आ रहे हैं? आखिर दिल्ली में जमीन के नीचे क्या चल रहा है? कहीं ये किसी बड़े भूकंप की आहट तो नहीं है? ये सवाल केवल आम आदमी ही नहीं भूवैज्ञानिकों को भी परेशान कर रहे हैं। अभी विज्ञान उस श्रेणी में नहीं पहुंचा है, जहां भूकंप आने से पहले उसका पता लगाया जा सके।

पिछले कुछ महीनों पर नजर डालते हैं। इसी साल अप्रैल के बाद से दिल्ली-एनसीआर में 15 बार भूकंप आया है। हर बार भूकंप का केंद्र दिल्ली या आस-पास के शहरों में रहा है। गुरुग्राम, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत और रोहतक में भूकंप के केंद्र रहे हैं। महज 16 दिन पहले ही दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं। इसमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं। इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हुई हैं।

भूकंप की बढ़ती आवृत्ति से न केवल आम आदमी बल्कि भूवैज्ञानिक भी चिंता में पड़े हुए हैं। कुछ विशेषज्ञों का तो कहना है कि यह किसी बड़ी आपदा से पहले की चेतावनी है। जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन मानते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है, लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मौजूदा विज्ञान के नजरिये से सम्भव नहीं है।

प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने वर्ष 2018 में एक अध्ययन किया था। इसके मुताबिक वर्ष 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबी सिसमिक गैप बन गई थी। करीब 600-700 वर्षों से यह सिसमिक गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है। संभावना है कि यह दबाव किसी बड़े भूकंप के तौर पर सामने आए। अगर इस सिसमिक गैप से भूकंप आता है तो उसकी 8.5 तीव्रता तक हो सकती है। आपको हम डरा नहीं रहे हैं, बता रहे हैं कि दिल्ली-एनसीआर में 8.5 तीव्रता का भूकंप आया तो बड़ी तबाही आएगी। जिसका अनुमान लगाना सभी के लिए मुश्किल है।

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