Tricity Today | Sanjay bhati
अरबों रुपये के बाइक बोट घोटाले में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली, लखनऊ और गाजियाबाद में भी केंद्रीय एजेंसी की टीम छानबीन कर रही हैं। लखनऊ में एक खबरिया चैनल के कार्यालय पर भी छापा पड़ा है। चैनल के मालिक के खिलाफ इस घोटाले में एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, ग्रेटर नोएडा में ग्रांड वेनिस मॉल में छापा पड़ा है।
देशभर के लाखों लोगों से अरबों रुपये की ठगी करने के मामले में अब तक गौतमबुद्ध नगर पुलिस कार्रवाई कर रही थी। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई हैं। अब इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। पहले सीबीआई ने मामले को टेकअप किया था। शनिवार को ईडी की अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग शहरों में छापे मारे में हैं। ग्रेटर नोएडा शहर के ग्रांड वेनिस मॉल में छापा पड़ा है। वहीं, दादरी के पास बाइक बोट के मुख्यालय पर भी ईडी ने छानबीन की है।
इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली और लखनऊ में भी छापामारी की गई है। लखनऊ में एक न्यूज चैनल के कार्यालय में ईडी पहुंची है। चैनल के सभी कर्मचारियों को कार्यालय में ही रहने की हिदायत दी है। बाहर से किसी को भी प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
हम आपको बता दें कि बाइक बोट घोटाले में सीबीआई की जांच से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में 200 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजे थे। इनसे लेन-देन का पूरा हिसाब ईडी ने मांगा था। ईडी ने बाइक बोट घोटाले में करीब तीन माह पहले ग्रेटर नोएडा पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे में जांच शुरू की थी। इस मामले में ईडी 200 से अधिक लोगों को नोटिस भेजे थे। इन लोगों को तलब करके अब तक ईडी लेन-देन का हिसाब ले रही है। यह लोग देशभर में हैं। सबसे ज्यादा लोग वेस्ट यूपी से हैं।
10 साल पहले पड़ी बाइक बोट घोटाले की नींव
बाइक बोट के नाम से ठग कंपनी चलाने वाला मुख्य आरोपी संजय भाटी केमिकल इंजीनियर है। वह ग्रेटर नोएडा में चीती गांव का रहने वाला है। उसने हजारों करोड़ रुपये के इस घोटाले को अंजाम दिया। मामला खुला तो जून 2019 में उसे पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। उसने 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी का गठन किया था। इसी कंपनी ने फरवरी 2018 में बाइक बोट के नाम से कथित प्रोजेक्ट लांच किया था।
देश के 50 शहरों में एप लॉन्च किया
कंपनी ने देशभर के 50 शहरों से ज्यादा शहरों में एप लॉन्च किया था। एप से बाइक बुक की जाती थीं। कंपनी के मुताबिक यह ओला और उबर जैसी बाइक टैक्सी सर्विस थी। इसके बाद बाइक टैक्सी में निवेश के नाम पर देशभर में लोगों से पैसा ठगा गया।
ठगी का पैसा विदेश भी गया
बाइक बोट के जरिए हुई ठगी का पैसा विदेश भी भेजा गया है। ऐसे साक्ष्य गौतमबुद्ध नगर पुलिस को मिले हैं। विदेश में होटल इंडस्ट्री और अन्य क्षेत्रों में यह पैसा लगाया गया है। बाइक बोट कंपनी ने लोगों को लुभाने के लिए एक आकृषक स्कीम पेश की। जिसके तहत लोगों को 62,100 रुपये का निवेश करना होता था। उसके बदले उसे हर माह 9,765 रुपए लौटाने का वादा किया जा रहा था। ज्यादा निवेशक करने वालों को महंगी गाड़ियां और विदेश यात्राएं करवाई गई थीं। लालच में फंसकर लोग खुद तो निवेश कर ही रहे थे रिश्तेदारों तक से करवा रहे थे।
500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं
बाइक बोट घोटाले के शिकार लोगों की संख्या लाखों में है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश देश के कमोबेश हर हिस्से में ठगे गए लोगों की संख्या पांच लाख से अधिक बताई गई है। जब कंपनी का संस्थापक संजय भाटी और निदेशक सचिन भाटी, पवन भाटी, आदेश भाटी, राजेश भारद्वाज, करण पाल, दीप्ति बहल, विजय पाल कसाना फरार हो गए तो निवेशक सामने आने लगे। अब तक देशभर में करीब 500 एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी हैं। इस जालसाजी को अंजाम देने वाले संजय भाटी समेत 12 आरोपी जेल जा चुके हैं।