BIG BREAKING: किसानों ने ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जाम किया, धरना देकर बैठे

BIG BREAKING: किसानों ने ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जाम किया, धरना देकर बैठे

BIG BREAKING: किसानों ने ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जाम किया, धरना देकर बैठे

Tricity Today | किसानों ने ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जाम किया

भारत बंद के आह्वान पर किसान संगठन सड़कों पर हैं। ग्रेटर नोएडा में मंगलवार को दोपहर बाद करीब दो बजे किसानों का एक जत्था ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर पहुंच गया। किसानों को वहां पहले से मौजूद पुलिस ने रोक लिया। किसानों ने कहा कि वह दिल्ली जाकर राष्ट्रपति को ज्ञापन देना चाहते हैं। इस पर पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद किसान पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को जाम करके सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए हैं। पुलिस किसानों को समझाने की कोशिश कर रही है। किसान हटने के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर किसानों के एक्सप्रेस-वे पर बैठ जाने से ट्रैफिक जाम हो गया है।

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने देशभर के खेतिहर मजदूरों और कृषकों को बर्बाद करने के लिए तीन नए कानून बनाए हैं। यह कानून बिल्कुल भी किसान हितों में नहीं हैं। इनका मकसद कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाना है। किसान पिछले 15 दिनों से दिल्ली घेरकर बैठे हुए हैं। सरकार बात करने के लिए तैयार नहीं है। किसानों ने कहा, एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजाना टीवी पर भाषण देते हैं। रेडियो पर मन की बात करते हैं, लेकिन जब कोई उनसे बात करना चाहता है तो वह सामने नहीं आते हैं। बार-बार कृषि मंत्री और कृषि सचिव को भेजकर किसानों से वार्ता करवाई जा रही है। कृषि मंत्री बैठकों में आकर लाचारी जाहिर कर देते हैं। जिससे साफ है कि सरकार में सिस्टम केवल एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूम रहा है। प्रधानमंत्री को कोई समझाने और हकीकत से रूबरू करवाने वाला भी नहीं है।

किसानों ने कहा कि उन्हें अब प्रधानमंत्री की बातों पर भरोसा नहीं है। जब तक इन तीनों कानूनों को खत्म नहीं किया जाएगा, यह आंदोलन भी खत्म नहीं होगा। केंद्र सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा लेना चाहती है तो बिल्कुल ले ले। जब तक किसानों की बात नहीं मानी जाएगी, कड़ाके की ठंड के बीच किसान सड़कों पर ही बैठे रहेंगे। इससे केंद्र सरकार की हिटलर शाही और तानाशाही खुलकर सामने आ गई है। हम लोग दिल्ली जाकर धरना देना चाहते हैं तो कोरोनावायरस के संक्रमण का हवाला देकर रोक दिया जाता है। दूसरी ओर तमाम राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए रैलियों का आयोजन प्रधानमंत्री खुद करते हुए घूमते हैं। हैदराबाद में जाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह ने रैलियां की हैं। जल्दी ही पश्चिम बंगाल का चुनाव आने वाला है। थोड़े दिन बाद ही इनकी रैलियां फिर शुरू हो जाएंगी। जब किसान अपनी बात बताने के लिए दिल्ली आना चाहता है तो उसे संक्रमण का हवाला देकर राजधानी में घुसने नहीं दिया जाता है।

किसान करीब एक घंटे से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर डटे हुए हैं। जिसकी वजह से एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। ट्रैफिक पूरी तरह जाम पड़ा हुआ है। मौके पर मौजूद पुलिस अफसर किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें दिल्ली जाने दिया जाए, वह सड़क खाली कर देंगे। दूसरी और अफसरों का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर में 2 जनवरी तक धारा 144 लगी हुई है। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए महामारी अधिनियम भी लागू है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक स्थान पर एकत्रित होना खतरनाक है। पुलिस अधिकारी किसानों से वापस घर लौट जाने का आग्रह कर रहे हैं।

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