BIG NEWS: भट्टा परसौल के किसान देंगे यमुना प्राधिकरण को जमीन, सीईओ से मिलकर उद्योग लगाने की मांग की

BIG NEWS: भट्टा परसौल के किसान देंगे यमुना प्राधिकरण को जमीन, सीईओ से मिलकर उद्योग लगाने की मांग की

BIG NEWS: भट्टा परसौल के किसान देंगे यमुना प्राधिकरण को जमीन, सीईओ से मिलकर उद्योग लगाने की मांग की

Tricity Today | धीरेन्द्र सिंह और यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने मिलकर किसानों से बातचीत की

भूमि अधिग्रहण के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले भट्टा परसौल के किसान अब यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को जमीन देंगे। इसके लिए शनिवार को दोनों गांवों के करीब 20 किसान जेवर से विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह के साथ प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह से मिलने पहुंचे। किसानों ने सीईओ से कहा कि हमारे यहां औद्योगिक इकाईयां लगाइए। दोनों गांवों के किसान जमीन देने के लिए तैयार हैं। सीईओ ने किसानों को उनके प्रस्ताव पर जल्दी निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।

गांव के पूर्व प्रधान चन्द्रभान सिंह मलिक ने कहा, "तत्कालीन सरकार और विकास प्राधिकरण में तैनात अधिकारी जबरन जमीन का अधिग्रहण कर रहे थे। हम लोगों ने विकास योजनाओं का कभी विरोध नहीं किया। उस समय के अफसरों की मनमानी का विरोध किया था। जिसने दुर्भाग्यपूर्ण वजहों से हिंसक रूप ले लिया था। हम लोग उस वक्त भी जमीन देने के लिए तैयार थे, लेकिन गांव के युवाओं के लिए रोजगार की मांग कर रहे थे। उचित दर पर मुआवजा देने की मांग की गई थी।" पूर्व प्रधान समयपाल सिंह ने कहा, "हमारे दोनों गांव विकास योजनाओं के लिए जमीन देंगे। विकास प्राधिकरण कोई औद्योगिक योजना लेकर आए। पूर्व में किए गए अधिग्रहण की जमीन हम लोग दे चुके हैं। उस पर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपने दो आवासीय सेक्टर विकसित कर चुका है। भट्टा पारसौल में विकास योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं। गांव का विकास भी नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से दोनों गांव लगातार पिछड़ रहे हैं। जबकि पड़ोसी गांव तेजी के साथ तरक्की कर रहे हैं। लिहाजा, विकास प्राधिकरण को इस दिशा में अब सकारात्मक पहल करनी चाहिए।"

भट्टा पारसौल आंदोलन के बाद इस इलाके को ग्रीन बेल्ट में डाल दिया गया

7 मई 2011 को भट्टा पारसौल में भूमि अधिग्रहण आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था। जिसमें दो किसान और दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इसके बाद यह मामला अदालतों में चल रहा है। लिहाजा, अपनी विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान में बदलाव किया। भट्टा, पारसोल, आछेपुर, मुतैना और आसपास के पूरे इलाके को इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल सेगमेंट से निकालकर ग्रीन बेल्ट में शामिल कर दिया गया। जिससे यहां भूमि अधिग्रहण करने की आवश्यकता ना पड़े। यही वजह है कि इस पूरे इलाके में विकास योजनाएं ठप पड़ गईं। विकास प्राधिकरण ने अपनी योजनाएं यमुना एक्सप्रेस-वे के दूसरी तरफ यमुना नदी के किनारे शुरु कर दी। प्राधिकरण ने जेवर और रबूपुरा के इलाके की तरफ जमीन लेने का काम शुरू किया। अब इन गांवों के किसानों को एहसास हो गया है कि वह विकास की दौड़ में पिछड़ रहे हैं। इसी वजह से शनिवार को किसानों ने प्राधिकरण के सीईओ से मुलाकात करके विकास योजनाएं भट्टा पारसौल और आसपास के गांवों की ओर बढ़ाने की मांग की है।

किसानों को यमुना प्राधिकरण लेकर गए जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहा, "भट्टा पारसौल और आसपास के गांव वालों का विकास योजनाओं से कोई विरोध नहीं है। उस वक्त की सरकार प्रशासन और यमुना प्राधिकरण में बैठे अधिकारी मनमानी व अन्याय कर रहे थे। जिसका विरोध करने के लिए भट्टा पारसौल में किसान खड़े हुए थे। उस वक्त भी किसानों ने जमीन देने के लिए इंकार नहीं किया था। किसानों ने अपनी कुछ मांगें रखी थीं। उनमें से कुछ व्यावहारिक मांगों को तत्कालीन सरकार को स्वीकार कर लेना चाहिए था। जब अफसर और सरकार मनमानी पर उतर आए तो मजबूर होकर किसान आंदोलन के लिए खड़े हुए थे। बड़ी बात यह है कि उस वक्त भी किसानों ने हिंसा नहीं की थी किसानों पर सरकार ने फायरिंग करवाई थी। हमारी सरकार ने किसानों के खिलाफ अन्याय पूर्ण तरीके से दर्ज किए गए मुकदमों को खत्म किया है। अब गांव वाले सहर्ष विकास प्राधिकरण को जमीन लेना चाहते हैं। प्राधिकरण के सीईओ ने जल्दी ही इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।

दूसरी और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, "शनिवार को भट्टा पारसौल के किसानों के साथ एक बैठक की गई है। किसानों ने मांग की है कि उनके गांव में भी विकास योजनाएं शुरू की जाए। वह लोग अब प्राधिकरण का सहयोग करेंगे। क्योंकि पूर्व में हुए आंदोलन के कारण प्राधिकरण की प्राथमिकताएं बदल गई थीं, लेकिन जल्दी ही कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। हमारी कोशिश रहेगी कि भट्टा पारसौल की तरफ एक इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किया जाए। सीओ से मुलाकात करने वालों में मुख्य रूप से जितेंद्र सिंह, मांगें सिंह, नवजीत सिंह, रामवीर सिंह, ऊधम सिंह, संजय शर्मा, वीरपाल सिंह, भगवान सिंह, बचन सिंह शामिल रहे।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.