YEIDA Board Meeting : जेवर एयरपोर्ट को जमीन देने वाले किसान लगा सकेंगे फैक्ट्री और बना पाएंगे मॉल, धीरेन्द्र सिंह को प्रस्ताव को मिली मंजूरी

YEIDA Board Meeting : जेवर एयरपोर्ट को जमीन देने वाले किसान लगा सकेंगे फैक्ट्री और बना पाएंगे मॉल, धीरेन्द्र सिंह को प्रस्ताव को मिली मंजूरी

YEIDA Board Meeting : जेवर एयरपोर्ट को जमीन देने वाले किसान लगा सकेंगे फैक्ट्री और बना पाएंगे मॉल, धीरेन्द्र सिंह को प्रस्ताव को मिली मंजूरी

Tricity Today | धीरेन्द्र सिंह और अरुण वीर सिंह

जेवर एयरपोर्ट परियोजना को जमीन देने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। इन किसानों को औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत और आवासीय भूखंडों की योजनओं में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण आरक्षण देगा। मतलब, किसान यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अपनी फैक्ट्री लगा सकेंगे। वह चाहें तो माल बना पाएंगे। शिक्षण संस्थान भी खोल पाएंगे। शनिवार को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक हुई, जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

जेवर से भारतीय जनता पार्टी की विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने एक प्रस्ताव यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश शासन को भेजा था। विधायक ने मांग की कि एयरपोर्ट बनाने के लिए अपनी जमीन देने वाले किसानों को यमुना प्राधिकरण की सभी योजनाओं में आरक्षण दिया जाना चाहिए। अभी तक प्राधिकरण को जमीन देने वाले किसानों के लिए केवल आवासीय योजनाओं में आरक्षण की व्यवस्था है। अब औद्योगिक, संस्थागत, आवासीय और वाणिज्यिक योजनाओं में भी किसानों को आरक्षण दिया जाए।

ठाकुर धीरेंद्र सिंह के इस प्रस्ताव पर शनिवार को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मुहर लगा दी गई है। अब भविष्य में आने वाली औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय योजनाओं में क्रमशः 10%, 10% और 17.5% रिज़र्वेशन जेवर एयरपोर्ट को जमीन देने वाले किसानों दिया जाएगा। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह बताया कि प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया। जिसे पारित कर दिया गया है।

प्रस्ताव पास होने के बाद धीरेंद्र सिंह ने बोर्ड सदस्यों का आभार जताया और कहा, "किसानों के लिए आजीविका का एकमात्र साधन उनकी कृषि भूमि होती है। किसानों की आने वाली पीढ़ियां विकास का सुख लें और उन्हें जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अधिक से अधिक लाभ मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी जमीन दी है। यह बात सही है कि सरकार और हम उन्हें उचित मुआवजा दे सकते हैं, लेकिन जमीन की वास्तविक कीमत का आंकलन कभी नहीं किया जा सकता है। इस जमीन से किसानों की न जाने कितनी पुस्ते जुड़ी हुई हैं और आने वाली और कितनी पीढ़ियां जुड़ी रह सकती थीं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि किसानों और उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित किया जाए। इन बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने यह प्रस्ताव विकास प्राधिकरण को दिया था।"

धीरेंद्र सिंह ने कहा, "नोएडा और ग्रेटर नोएडा की स्थापना से लेकर अब तक सदैव किसानों के मन में एक भावना रही है कि उन्हें इन शहरों के विकास में उतनी हिस्सेदारी नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए। अकसर किसान यह कसक बयां करते हैं। अब यहां एक तीसरे शहर की नींव पड़ रही है। यह शहर सैकड़ों और हजारों वर्षों तक कायम रहेगा। यहां देश और दुनिया के तमाम लोग आकर अपने काम-धंधे शुरू करेंगे। घर बसा कर रहेंगे। ऐसे में अगर बाहर से आने वाले लोगों और यहां के मूल निवासियों के बीच वैचारिक गतिरोध होगा तो समग्र विकास की भावना कभी पूरी नहीं हो पाएगी। लिहाजा, किसानों को भी प्रतिस्पर्धा में बने रहने और इस परियोजना का अधिक से अधिक लाभ हासिल करने के अवसर मिलने चाहिए। अगर किसानों को विकास प्राधिकरण की योजनाओं में आरक्षण दे दिया जाएगा तो वह भी उद्योग लगा सकते हैं। शिक्षण संस्थान खोल सकते हैं। मॉल और कमर्शियल कंपलेक्स बना सकते हैं। यहां बसने वाले सेक्टरों के बीच आधुनिक शहर की सभी आवासीय सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।"

आपको बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी तो किसान जमीन देने के लिए सहज रूप से तैयार नहीं थे। परियोजना पिछड़ने लगी। ऐसे में स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह ने गांव-गांव जाकर किसानों के साथ पंचायत की थीं। किसानों को आश्वासन दिया था कि जमीन की वास्तविक कीमत का आंकलन नहीं किया जा सकता है। उसका पर्याप्त मुआवजा भी कोई नहीं दे सकता है, लेकिन यह परियोजना इस इलाके का कायापलट कर देगी। आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित कर देगी। ऐसे में किसानों को जमीन दे देनी चाहिए। साथ ही विधायक ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि वह उन्हें इस विकास परियोजना में भरपूर हिस्सेदारी दिलाने के लिए कोशिश करेंगे। इसी वादे को पूरा करने के लिए अब धीरेंद्र सिंह ने यमुना प्राधिकरण सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है। धीरेंद्र सिंह ने आखिर में सवाल किया, "किसान और उनके बच्चे यहां लगने वाली कंपनियों में केवल नौकरियां ही क्यों करें? वह अपनी कंपनियां क्यों न खड़ी करें?"

कुल मिलाकर अब भविष्य में आने वाली औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय योजनाओं में क्रमशः 10%, 10% और 17.5% रिज़र्वेशन जेवर एयरपोर्ट को जमीन देने वाले किसानों दिया जाएगा। इस पर यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने मुहर लगा दी।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.