Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
गौतमबुद्ध नगर के किसानों को पहली बार सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा मिलने की उम्मीद है। दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर बोड़ाकी, रामगढ़, मारीपत, मायचा, रिठौरी और पल्ला गांवों के पास रेलवे फाटकों पर फ्लाई ओवर बनाने जाने हैं। जिसके लिए दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कारपोरेशन (DMICDC) भूमि का अधिग्रहण करने जा रहा है। जिसमें रेलवे लाइन के पार (दादरी की ओर) जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जिसके लिए किसानों को सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा की तरफ सारी भूमि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की है। दूसरी तरफ बोड़ाकी, छपरौला और पल्ला गांवों समेत बाकी अन्य स्थानों पर DMIC को किसानों से जमीन लेनी होगी। कारपोरेशन को किसानों की जमीन का नए भूमि अधिग्रहण एक्ट के अनुसार अधिग्रहण करना होगा। जिसके तहत किसानों को सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा तय है। सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की दर से कहीं ज्यादा है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की भूमि अधिग्रहण दर 3500 रुपए प्रति वर्ग मीटर है।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के लिए खड़ी होगी समस्या
सारे गांवों के किसान खुश हैं क्योंकि उनको ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की मुआवजा दर से अधिक पैसा मिलेगा। रेलवे लाइन की दूसरी तरफ अधिग्रहण होने वाली जमीन रिठौरी, अजायबपुर, मायचा और बोड़ाकी समेत उन गांवों की है, जो ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अंतर्गत आते हैं। यदि प्राधिकरण के अधिसूचित गांवों में सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा मिलेगा तो भविष्य में प्राधिकरण को भी अपनी दरें 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर से ऊपर बढ़ानी पढ़ेंगी। जिससे किसान को फायदा हो होगा।