Tricity Today | Suhas LY IAS
गौतमबुद्ध नगर में अनियमित और अनियोजित रूप से चल रहे अवैध निर्माण को रोकने और हिंडन यमुना नदी के खादर क्षेत्रों में चल रही अवैध निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी लगाने के लिए जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने शुक्रवार को बड़ा आदेश जारी किया है। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में मानव जनित आपदाओं को कम से कम करने के लिए कानून में मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया गया है। डीएम की ओर से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, पुलिस, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग और सभी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को यह आदेश भेजा गया है। इससे डूब क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रही जमीनों की खरीद-फरोख्त भी रुक जाएगी।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के तमाम क्षेत्रों में भवनों का निर्माण, कॉलोनाइजेशन और फ्लोटिंग चल रही है। कानून के तहत इसे नियंत्रित करने और कार्यवाही करने के लिए तीनों विकास प्राधिकरण को एडवाइजरी भेजी गई है। आपदा प्रबंधन अधिनियम की व्यवस्थाओं का उपयोग करके इन अवैध गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जाएगी। सबसे ज्यादा अवैध निर्माण यमुना और हिंडन नदी के फ्लड जोन में किया जा रहा है। इससे मानव जनित आपदा को बढ़ावा मिल रहा है। आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-30 और 34 के तहत नदियों के खादर क्षेत्रों में संपत्ति के क्रय-विक्रय और रजिस्ट्री पर सर्विलांस किया जा सकता है। जिसके लिए सभी रजिस्ट्रार को यह आदेश भेजा गया है।
अब रजिस्ट्री में भवन की ऊंचाई और तलों की संख्या लिखनी होगी
जिलाधिकारी ने आदेश में कहा है कि तीनों विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्रों में अगर कोई रजिस्ट्री की जाती है तो उसमें कुछ बिंदुओं का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। मसलन, क्रेता को रजिस्ट्री में यह बताना होगा कि वह इस भूमि पर किस तरह का निर्माण करेगा। रजिस्ट्री में भवन की ऊंचाई और तलों की संख्या कितनी होगी, यह लिखना होगा। औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, घर और फ्लैट की ऊंचाई 15 मीटर से अधिक नहीं हो सकती है। इसमें चार तल से ज्यादा निर्माण नहीं किया जा सकता है। अगर इससे ज्यादा निर्माण किया जाना है तो इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया बिल्डिंग रेगुलेशन-2010 के तहत तीनों विकास प्राधिकरण से भवन मानचित्र पास करवाना अनिवार्य होगा।
अगर डीड में यह जानकारी नहीं है तो रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा
डीएम सुहास एलवाई ने कहा, "अगर रजिस्ट्रेशन डीड में भवन की ऊंचाई और तलों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है तो ऐसी किसी भी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन गौतमबुद्ध नगर के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार नहीं करेंगे। डीएम का कहना है कि 15 मीटर से ऊंचे और अनियमित भवन भविष्य में मानव जनित आपदा का कारण बन सकते हैं। इस तरह की आपदा से जन-धन की क्षति उत्पन्न हो सकती है । जिसे रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
हिंडन-यमुना खादर क्षेत्र में नक्शा पास करवाए बिना नहीं होगी रजिस्ट्री
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दायरे वाले हिंडन व यमुना नदी के डूब क्षेत्रों में भी अवैध रूप से जमीनों की खरीद-फरोख्त चल रही है। वहां बड़े पैमाने पर निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि नोएडा ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया बिल्डिंग रेगुलेशन-2010 और उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम-1976 के तहत यह अनिवार्य है कि इन इलाकों में बनने वाले भवनों का मानचित्र प्राधिकरण से पास करवाया जाए। लिहाजा, सभी रजिस्ट्रार को आदेश दिया गया है कि जब तक यहां भवनों का नक्शा प्राधिकरण से पास नहीं करवा लिया जाता, तब तक कोई रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। मतलब, प्राधिकरण से नक्शा पास करवाने के बाद ही रजिस्ट्रार प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन करेंगे। नदियों के डूब क्षेत्रों में अनियोजित और अनियमित निर्माण से भविष्य में कभी भी बड़ी आपदा पैदा हो सकती है। यह प्रक्रिया अपनाने से आपदा की संभावना को समाप्त किया जा सकता है।
डूब क्षेत्रों में कृषि भूमि खरीदने के लिए भी प्राधिकरण की एनओसी अनिवार्य
डीएम ने इस आदेश को व्यापकता दी है। जिलाधिकारी ने बताया कि अब हिंडन और यमुना नदी के डूब क्षेत्रों में कृषि भूमि खरीदने के लिए भी जिले के तीनों विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। व्यक्ति जिस विकास प्राधिकरण के अधिसूचित इलाके में डूब क्षेत्र की कृषि भूमि खरीदेगा, उस विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र लाकर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को देगा। इस अनापत्ति प्रमाण पत्र में प्राधिकरण की ओर से स्पष्ट रुप से लिखा जाएगा कि प्रश्नगत भूमि पर कोई निर्माण नहीं है। यहां खेती की जा रही है। साथ ही भूमि खरीदने वाला व्यक्ति भी यह घोषणा करेगा कि वह खेती-बाड़ी करने के लिए कृषि भूमि क्रय कर रहा है। इस पर किसी तरह का निर्माण नहीं है और भविष्य में वह अवैध निर्माण नहीं करेगा।
आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में हिंडन और यमुना के खादर क्षेत्रों में हजारों की संख्या में घर बनाकर लोग रह रहे हैं। प्रत्येक वर्ष यमुना नदी में आने वाली बाढ़ के दौरान संवेदनशील स्थिति उत्पन्न हो जाती है। दूसरी ओर खादर क्षेत्र में कई-कई मंजिला भवनों का निर्माण कर लिया गया है, जो तकनीकी दृष्टि से बेहद खतरनाक है। यह पूरा इलाका भूकंप के जोन चार में पड़ता है। ऐसे में यहां कभी भी बड़ी आपदा उत्पन्न हो सकती है। इस मुद्दे को लेकर करीब एक दशक से वाद-विवाद चल रहा था। पूर्व में जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने हिंडन और यमुना नदी में रजिस्ट्री पर पाबंदी लगा दी थी, किंतु नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता था। जिसकी वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके आदेश को खारिज कर दिया था। अब पहली बार जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने उचित प्रतिबंधों का इस्तेमाल करते हुए अवैध निर्माण और प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त को नियमित करने का प्रयास किया है।