Tricity Today | OPPO Company
मोबाइल मैन्युफैक्चरर कम्पनी ओप्पो में 6 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कर्मचारियों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। मेन्युफेक्चरिंग यूनिट को बन्द कर दिया गया है। फैसिलिटी के बाकी कर्मचारियों का भी टेस्ट करवाया जा रहा है। अब कम्पनी में सेनेटाइजेशन ड्राइव चलाई जाएगी। उसके बाद ही दोबारा काम शुरू हो पाएगा।
ग्रेटर नोएडा में कासना कस्बे के पास मोबाइल मैन्युफैक्चरर कंपनी ओप्पो का कारखाना है। यह कारखाना करीब 1 सप्ताह पहले ही दोबारा शुरू किया गया है। लॉकडाउन के कारण इस कंपनी में करीब 2 महीने से उत्पादन बंद पड़ा था। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग चलाने के फैसले के बाद जिला प्रशासन ने 33 फ़ीसदी मेन पावर के साथ कंपनी को चलाने की इजाजत दी थी। कंपनी प्रबंधन को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के मानकों का पालन करते हुए उत्पादन करना था। अब करीब 1 सप्ताह से कंपनी में उत्पादन चल रहा था।
इसी बीच सोमवार को कंपनी के 6 कर्मचारी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कंपनी को सील कर दिया है। कंपनी में उत्पादन रोक दिया गया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सैनिटाइजेशन ड्राइव चला रहे हैं। कंपनी के दूसरे तमाम कर्मचारियों का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया जा रहा है। कंपनी के करीब 100 कर्मचारियों और अधिकारियों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन-चार दिन कंपनी में उत्पादन बंद रहेगा।
शासन और जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद कम्पनी को 8 मई से दोबारा क्रियाशील किया गया था। अब स्वास्थ्य विभाग 3000 से ज्यादा कर्मचारियों के नमूने लेकर जांच करेगा। इन सभी लोगों की रिपोर्ट आने के बाद आगे की स्थिति पर विचार किया जाएगा। जब तक सभी कर्मचारियों की रिपोर्ट आएंगी, इन्हें होम क्वॉरेंटाइन रहना होगा। कुछ कर्मचारियों को जिला प्रशासन अपने इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटरों में भी रखेगा।
आपको बता दें कि रविवार को ग्रेटर नोएडा के कंस्ट्रक्शन पार्क में दो सुरक्षाकर्मियों को कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया था। इस कंस्ट्रक्शन पार्क में चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी विवो समेत बड़ी संख्या में कंपनियों के परिसरों का निर्माण कार्य चल रहा है। कंस्ट्रक्शन पार्क में भी काम रोक दिया गया है। लगातार दो दिन से जिस तरह उत्पादन इकाइयों और निर्माण क्षेत्रों से कोरोना संक्रमित कर्मचारियों की जानकारी सामने आ रही है, उससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है।