निर्भया के चारों दोषियों ने जेल में कमाए एक लाख 37 हजार रुपये, अब इन पैसों का क्या होगा

निर्भया के चारों दोषियों ने जेल में कमाए एक लाख 37 हजार रुपये, अब इन पैसों का क्या होगा

निर्भया के चारों दोषियों ने जेल में कमाए एक लाख 37 हजार रुपये, अब इन पैसों का क्या होगा

Tricity Today | निर्भया के चारों दोषी

आखिरकार सात साल बाद निर्भया को आज इंसाफ मिल गया है। निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चारों गुनहगारों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश कुमार को दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया है। फांसी के तख्ते पर लटकने से पहले चारों दोषी कई साल तिहाड़ जेल में बंद रहे। इस दौरान दोषियों ने जेल में काम कर करके 1 लाख 37 हजार रुपये कमाए थे। अब सवाल उठता है कि यह पैसे किसे और कैसे मिलेंगे।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि निर्भया के दोषियों ने जेल में काम करके 1 लाख 37 हजार कमाए हैं। इसमें मुकेश ने कोई काम नहीं किया था। अक्षय ने 69 हजार रुपये कमाए हैं। पवन ने 29 हजार रुपये और विनय ने 39 हजार रुपये कमाए। इन पैसों को उनके परिवार वालों को दिया जाएगा। इसके साथ ही चारों दोषियों के कपड़ों और सामान को भी उनके परिवार वालों को सौंपा जाएगा।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी के फंदे से चारों शवों को उतारकर स्थानीय पुलिस को दे दिया। पुलिस पंचनामा भरकर चारों लाश दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल लेकर गई। अब चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। इसके बाद पुलिस इनके परिजनों का इन्तजार करेगी। अगर किसी के परिवार ने लाश पर दावा पेश नहीं किया तो उसका अंतिम संस्कार तिहाड़ जेल के श्मशान में कर दिया जाएगा।

तिहाड़ जेल के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया और 'निर्भया जिंदाबाद' के नारे लगाए। मामले के चारों दोषियों को तय समय के अनुसार फांसी के तख्ते पर लटाकाया गया। इंसाफ करने के लिए कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए तिहाड़ जेल के बाहर इकट्ठा हुए लोगों ने कहा कि यह न्याय की सुबह है।

फांसी पर लटकाने के बाद चारों दोषियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भेज दिया गया है। यहां डॉक्टर बीएन मिश्रा की अगुवाई में पांच सदस्यीय मेडिकल टीम शवों का पोस्टमार्टम करेगी। इसके बाद लाशों को उनके परिवारवालों को सौंपा जाएगा। अगर परिवार वाले शव नहीं लेते हैं तो तिहाड़ जेल प्रशासन ही उनका अंतिम संस्कार करेगा।

सात साल 3 महीने और तीन दिन पहले यानी 16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद चारों दोषियों अक्षय, पवन, मुकेश और विनय को आज फांसी दी गई। इस मामले एक दोषी राम सिंह ने पहले ही खुदकुशी कर ली थी।

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