यमुना सिटी में 300 एकड़ में विकसित होगा फर्नीचर पार्क

यमुना सिटी में 300 एकड़ में विकसित होगा फर्नीचर पार्क

यमुना सिटी में 300 एकड़ में विकसित होगा फर्नीचर पार्क

Google Image | Dr Arunvir Singh IAS

यमुना प्राधिकरण (यीडा) सेक्टर-28 व 29 में फर्नीचर पार्क विकसित करेगा। करीब 300 एकड़ में विकसित होने वाले इस पार्क के लिए अगले साल जनवरी योजना निकाली जाएगी। यह पार्क हैंडीक्राफ्ट और अपैरल पार्क के पास ही विकसित किया जाएगा। इससे फर्नीचर निर्माण में भारतीय बाजार को बढ़ावा मिलेगा। यमुना प्राधिकरण ने फर्नीचर पार्क को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

यमुना प्राधिकरण अब औद्योगिक कलस्टर की योजनाओं पर जोर दे रहा है। प्राधिकरण ट‘वाय सिटी, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, एमएसएमई पार्क की योजनाओं का लांच कर चुका है। इन योजनाओं के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इन पार्कों के लिए भूखंडों का आवंटन हो चुका है। पांच साल में इनके आवंटियों को अपनी इकाई शुरू करनी होगी। इससे उत्साहित यमुना प्राधिकरण ने अब फर्नीचर पार्क (वुड एंड फर्नीचर कलस्टर) विकसित करने की तैयारी की है। इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने जमीन का बंदोबस्त शुरू कर दिया है। ताकि समय पर योजना निकाली जा सके। जनवरी में इसकी योजना निकाली जाएगी। इसमें 4000 वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों का आवंटन ड्रा और इससे बड़े भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार के जरिये होगा।

हैंडीक्राफ्ट और अपैरल पार्क को भी फायदा मिलेगा
फर्नीचर पार्क सेक्टर-28 और 29 में बनाया जाएगा। इसके लिए करीब 300 एकड़ जमीन चिह्नित ही गई है। दोनों सेक्टरों में 150-150 एकड़ जमीन है। यह पार्क हैंडीक्राफ्ट और अपैरल पार्क के पास होगा। इन दोनों पार्कों से फर्नीचर पार्क को भी फायदा मिलेगा। अफसरों का कहना है कि बेड रूम के लिए बेड चाहिए तो उसके लिए पर्दे, चादर, तकिया कवर आदि भी चाहिए होंगे। यह सब एक साथ मिल सकेगा।

विदेशों को निर्यात करने में रहेगी आसानी
जेवर एयरपोर्ट के नजदीक होने से यहां से फर्नीचर दूसरे देशों में भी आसानी से भेजा जा सकेगा। फ्रांस, अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में भारत से फर्नीचर जाता है। ऐसे में एयरपोर्ट के पास इस पार्क के विकसित होने से उद्यमियों को भी फायदा मिलेगा। यहां पर हर तरह के फर्नीचर बनाने की कंपनियां के आने की संभावना है।

पुराने फर्नीचर का भा जोर रहेगा
फर्नीचर पार्क में एंटिक फर्नीचर भी बनेगा। साथ ही पुराने फर्नीचर को भी यहां पर संजोया जा सकेगा। रेल कोच और उनकी सीटों को लेकर फर्नीचर बन रहा है और इसकी मांग भी है। इस तरह के फर्नीचर भी यहां पर बन सकेंगे।

भारतीय कारीगरों को मिलेगा काम
फर्नीचर के क्षेत्र के भारत के बेहतरीन कारीगर अभी विदेशों में काम करने जाते हैं। यहां पर विलियम सोनाटा, आइकिया जैसी दिग्गज विदेशी कंपनियां भी आ सकती हैं। ऐसे में बरेली व सहारनपुर के बेहतरीन कारीगरों को यहां पर काम मिलेगा।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फर्नीचर पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए जनवरी में योजना निकाली जाएगी। 300 एकड़ में इस पार्क को विकसित किया जाएगा।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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