BIG NEWS: गौरसंस बिल्डर मुनाफाखोरी का दोषी करार, 33 प्रोजेक्ट जांच के दायरे में आए

BIG NEWS: गौरसंस बिल्डर मुनाफाखोरी का दोषी करार, 33 प्रोजेक्ट जांच के दायरे में आए

BIG NEWS: गौरसंस बिल्डर मुनाफाखोरी का दोषी करार, 33 प्रोजेक्ट जांच के दायरे में आए

Google Image | गौरसंस बिल्डर

सरकार से जीएसटी की निचली दर का लाभ लिया, लेकिन लाभ खरीददारों को नहीं दिया gangaयमुना एक्सप्रेस वे पर पार्क व्यू अपार्टमेंट के एक खरीददार ने यह शिकायत प्राधिकरण से की gangaजांच पड़ताल के बाद बिल्डर की ओर से की गई मुनाफाखोरी का खुलासा हुआ है gangaअब बिल्डर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 33 प्रोजेक्ट की जांच की जाएगी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर सिटी और यमुना एक्सप्रेस वे पर यमुना गौर सिटी जैसे प्रीमियर आवासीय प्रोजेक्ट बनाने वाले गौर संस बिल्डर के मालिक मुनाफाखोरी के दोषी पाए गए हैं। अब केंद्र सरकार की एक एजेंसी ने बिल्डर की 33 रियल एस्टेट परियोजनाओं के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। बिल्डर के खिलाफ एक फ्लैट खरीददार ने शिकायत दी थी। खरीदार का कहना था कि माल एवं सेवा कर का लाभ सरकार की ओर से उसे मिलना चाहिए था। बिल्डर ने नहीं दिया और खुद उसका लाभ उठा लिया है।

खरीददार की शिकायत पर माल एवं सेवा कर मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने जांच पड़ताल शुरू की। इस जांच में यह बात सामने आई कि बिल्डर ने 19.72 करोड रुपए की मुनाफाखोरी की है। यह लाभ प्रॉपर्टी खरीदारों को दिया जाना था। बिल्डर ने खरीदारों को यह लाभ न देकर खुद पैसा हड़प लिया है। खरीदार की शिकायत पर गौर संस के यमुना एक्सप्रेस वे पर बनाए जा रहे पार्क व्यू अपार्टमेंट प्रोजेक्ट के खातों की जांच की गई। 

डीजीएपी ने इस मामले की जांच शुरू की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले गौरसन्स ने उससे 12% जीएसटी लिया था। फ्लैट खरीददार ने दावा किया कि उसने फ्लैट का पूरा भुगतान 30 जून 2017 तक कर दिया था, लेकिन रीयल्टी फर्म ने नई कर व्यवस्था लागू होने से पहले किए गए भुगतान पर 12% जीएसटी की मांग करते हुए फ्लैट का दाम 28.78 लाख रुपये से बढ़ाकर 30.80 लाख रुपए कर दिया था।

इस मामले में डीजीपी ने जांच शुरू की। जिसमें पाया गया कि कंपनी ने मूल कीमत में 5.77% की कटौती नहीं की और 2369 फ्लैट खरीदारों को 19,72,09,203 रुपये के इनपुट पर क्रेडिट का लाभ नहीं दिया। गौर संस रीयलटेक ने दावा किया है कि उसने 908 फ्लैट खरीदारों को 28,20,65,749 रुपये का लाभ हस्तांतरित किया है। प्राधिकरण ने इस पूरे मामले की जांच के बाद आदेश पारित किया है। उसमें कहा है कि गौरसंस रीयलटेक ने जुलाई 2017 से मार्च 2019 के दौरान अतिरिक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट से कारोबार के 5.77% का लाभ हासिल किया है। यह लाभ उसे खरीददारों को देना था, जो उसने नहीं दिया है। 

एक मामले में गड़बड़ी मिलने के बाद प्राधिकरण ने बिल्डर के सभी 33 प्रोजेक्ट की जांच करने का आदेश दे दिया है। अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और यमुना एक्सप्रेस वे पर कंपनी की 33 रियल एस्टेट परियोजनाओं में जीएसटी इनपुट क्रेडिट के मामलों की जांच की जाएगी।

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