Google Image | गौतम बुद्ध विश्विद्यालय
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में गुरुवार से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। विवि प्रशासन ने दावा किया कि है कि यह देश का पहला विश्वविद्यालय है, जो ऑनलाइन मोड पर सत्र समाप्त कर परीक्षाएं करवा चुका है।
जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर बीपी शर्मा ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षिक सत्र 2020-21 को बिना किसी देरी के शुरू कर दिया है। विवि ने 26 और 28 जून को दो चरणों में ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराई थी। परिणाम घोषित कर काउंसलिंग शुरू कर दी गई है।
प्रोफेसर बीपी शर्मा ने बताया कि मार्च से अब तक विवि के विभिन्न विषयों पर 200 से अधिक वेबिनार हुए हैं। प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि 108 कोर्स में नए दाखिले के लिए 9,790 पंजीकरण हो चुके हैं। विवि में 29 और 30 अगस्त को ऑनलाइन परीक्षा के जरिये एक हजार से अधिक सीटों पर दाखिले दिए जाएंगे। आपको बता दें कि गौतम बुध विश्वविद्यालय अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रत्येक वर्ष करीब 10 हजार छात्र-छात्राओं को दाखिला देता है। यह विश्वविद्यालय अभी केंपस यूनिवर्सिटी है।
गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी ने इसी साल उत्तर प्रदेश सरकार से कॉलेजों को संबद्धता देने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। जिस पर सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उम्मीद है कि जल्दी ही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के चार जिलों गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर को हटाकर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिया जाएगा। दरअसल, जीबीयू के पास विशाल परिसर और बहुत मजबूत आधारभूत ढांचा है। जिसका अभी तक सही तरह से उपयोग नहीं हो पाया है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण पर करीब 12 हजार करोड रुपए खर्च किए गए थे। जिसके सापेक्ष बहुत कम संख्या में छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय का लाभ उठा पा रहे हैं।
दूसरी ओर जीबीयू को वित्त पोषण के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से पैसा लेना पड़ता है। अगर जीबीयू को संबद्धता मिल जाती है तो इन सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पास लाखों छात्र हैं। जिन्हें विश्वविद्यालय सही समय पर सुविधाएं नहीं दे पा रहा है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का शिक्षण सत्र प्रत्येक वर्ष देरी से पूरा होता है। विभाजन होने से सीसीएसयू का बोझ कम होगा। छात्रों को सहूलियत मिलेगी।