गौतमबुद्ध नगर की गीता भाटी को राज्य अध्यापक पुरस्कार मिला, बन्द होने के कगार पर पहुंचे स्कूल को बनाया प्रेरणा स्रोत

गौतमबुद्ध नगर की गीता भाटी को राज्य अध्यापक पुरस्कार मिला, बन्द होने के कगार पर पहुंचे स्कूल को बनाया प्रेरणा स्रोत

गौतमबुद्ध नगर की गीता भाटी को राज्य अध्यापक पुरस्कार मिला, बन्द होने के कगार पर पहुंचे स्कूल को बनाया प्रेरणा स्रोत

Tricity Today | गीता भाटी

गौतमबुद्ध नगर के सलेमपुर गुर्जर (ब्लॉक दनकौर) प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गीता भाटी को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019 के लिए चयनित किया गया है। शिक्षकों की ओर से किए गए आवेदनों में से शासन ने सम्यक विचारोपरांत जनपदवार राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए नामों की घोषणा की गई है।

राज्य स्तरीय समिति की बैठक में गौतमबुद्ध नगर से गीता भाटी को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019 प्रदान करने के लिए अनुमोदन किया गया है। पूरे प्रदेश से 73 शिक्षक और शिक्षिकाओं के नाम पर अनुमोदन प्रदान किया गया है। खबर मिलते ही जनपद गौतमबुद्ध नगर के शिक्षकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। 

सबसे पहले डाइट प्राचार्य संजय उपाध्याय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र कुमार, खण्ड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह पंवार ने प्रदेश स्तर पर गौरव बढ़ाने के लिए बधाई दी। प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर गुर्जर के समस्त स्टाफ ने बधाई देकर प्रोत्साहन दिया। सलेमपुर गुर्जर के ग्रामवासियों और अभिभावकों ने खुशी जाहिर की। गीता भाटी ने महिलाओं और ग्रामवासियों को प्रेरित कर बंद होने की कगार पर पहुंच चुके विद्यालय में फिर से जान फूंक दी है। उन्होंने समुदाय को प्रेरित किया। धन्य है हमारा गांव और हमारे बच्चे, जिसे ऐसी शिक्षिका उनका भविष्य को संवारने के लिए मिली हैं। ये सम्मान इन्हीं बच्चों पर अथक परिश्रम का ही प्रतिफल है। 

गीता भाटी ने इस पुरस्कार को अपने स्कूल के प्यारे बच्चों को समर्पित किया। जनपद के बहुत सारे शिक्षकों ने बधाई दी और प्रेरणा स्रोत बताया। गीता भाटी शिक्षकों के लिए और बेसिक शिक्षा विभाग के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य करेंगी।

गीता भाटी की शादी दादरी क्षेत्र के गांव कैलाशपुर में हुई है। उनके पति आदेश कुमार कारोबारी हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में 235 छात्र-छात्राएं हैं। हमारे पास 25 टेबलेट हैं। जिनके जरिए हम बच्चों को रोस्टर के तहत पढ़ाते हैं। गीता बताती हैं कि उन्होंने न केवल बच्चों को कम्प्यूटर की जानकारी दी है बल्कि गांव के अशिक्षित अभिभावकों को भी साक्षर किया है।

इस मौके पर गीता भाटी ने कहा कि विद्यालय परिवार के सभी सहयोगियों को बहुत-बहुत आभार है। जिन्होंने यहां तक पहुंचाने में मेरी सहायता की है। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता में परिवार का भी पूरा सहयोग मिला है। पुरस्कार मिलने के बाद जब वह घर पर पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत किया गया है।

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