गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नाकरा कहा, जानिए किस वजह से की यह तीखी टिप्पणी

गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नाकरा कहा, जानिए किस वजह से की यह तीखी टिप्पणी

गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नाकरा कहा, जानिए किस वजह से की यह तीखी टिप्पणी

Google Image | गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नाकरा कहा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट पर फिर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने सचिन को "निकम्मा" (बेकार) और "नाकरा" (अक्षम) करार दिया और उन पर बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया। बोले, सचिन राज्य सरकार को छह महीने से अस्थिर करने में जुटे थे।

अशोक गहलोत ने आगे कहा, "वह पिछले 6 महीनों से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे। किसी ने मेरी बात पर भरोसा नहीं किया था, जब मैंने कहा था कि सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है।" अशोक गहलोत ने दावा किया कि जिन विधायकों को सचिन पायलट के साथ बताया जा रहा है, उन्हें जबरन बंद करके रखा गया है।

गहलोत ने कहा, "हमारे विधायक बिना किसी प्रतिबंध के रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपने विधायकों को बंदी बना रखा है। वे हमें फोन कर रहे हैं और अपने फोन पर रो रहे हैं। उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए हैं। उनमें से कुछ हमसे जुड़ना चाहते हैं।" पायलट और गहलोत के बीच मतभेद उभरने के बाद राजस्थान कांग्रेस में उथल-पुथल जारी है।
 
पायलट को 14 जुलाई को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राज्य पीसीसी अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने विधायकों का अवैध शिकार करके राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया।

 राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत पायलट और 18 विधायकों को नोटिस भेजा था। उनकी अयोग्यता के लिए मुख्य सचेतक की ओर से दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। अयोग्यता नोटिस को सचिन पायलट और विधायकों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जो इस मामले की सुनवाई कर रहा है।

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