ग्रेटर नोएडा : GIMS में अभी तक 174 मरीजों की जान प्लाज्मा देकर बचाई

ग्रेटर नोएडा : GIMS में अभी तक 174 मरीजों की जान प्लाज्मा देकर बचाई

ग्रेटर नोएडा : GIMS में अभी तक 174 मरीजों की जान प्लाज्मा देकर बचाई

Google Image | GIMS Greater Noida

कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ने कोरोना के 174 गंभीर मरीजों को प्लाज्मा देकर जान बचाई है। जिम्स में अब तक 128 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। इसमें से 10 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने 2 से 3 बार प्लाज्मा दान किया है। जिम्स के चार स्वास्थ्य कर्मियों ने भी प्लाज्मा दान किया है।

जिम्स में इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की अनुमति के बाद प्लाज्मा थेरेपी शुरू की गई। यहां पर 9 मई से कोरोना संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा देना शुरू किया गया। कोरोना के 196 गंभीर मरीजों को प्लाज्मा दिया गया। इसमें से 169 पुरुष और 27 महिलाएं शामिल हैं। प्लाज्मा देने से 174 मरीजों की जान बच गई। सिर्फ 22 मरीज ऐसे थे, जिनकी प्लाज्मा देने के बाद भी जान नहीं बचाई जा सकी। जिम्स प्रबंधन कोरोना मरीजों के इलाज में अपने संसाधन बढ़ाने पर जोर दे रहा है। यहां पर अब तक 128 मरीजों ने प्लाज्मा दान किया है। दरअसल जिम्स ठीक होकर जाने वाले मरीजों से प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करता है। यही कारण है कि यहां पर प्लाज्मा दान करने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। जिम्स प्रबंधन के अनुसार, प्लाज्मा दान करने वाले 47 लोग बी ग्रुप के हैं। इसके अलावा 32 लोग ए ग्रुप, 31 लोग ओ ग्रुप और 18 लोग एबी ग्रुप के प्लाज्मा दान किया है।

दूसरे शहरों में भी भेजा गया प्लाज्मा
प्लाज्मा को लेकर जिम्स ने बेहतर प्रबंध कर लिए हैं। यही कारण है कि यहां से दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के सरकारी और निजी अस्पतालों को भी प्लाज्मा उपलब्ध कराया गया। गंभीर मरीज के लिए लखनऊ भी यहां से प्लाज्मा भेजा गया है। जिम्स के निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक होकर प्लाज्मा दान करने वाले दस लोग खास हैं। इन लोगों ने दो से तीन बार प्लाज्मा दान किया है। इनमें से चार जिम्स के स्वास्थ्य कर्मी हैं।

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