BIG NEWS: प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज करेगा जिम्स, राज्य से मिली मंजूरी, अब बस केंद्र का इंतजार

BIG NEWS: प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज करेगा जिम्स, राज्य से मिली मंजूरी, अब बस केंद्र का इंतजार

BIG NEWS: प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज करेगा जिम्स, राज्य से मिली मंजूरी, अब बस केंद्र का इंतजार

Tricity Today | GIMS Greater Noida

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में कोरोना के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी पद्धति से इलाज के लिए ड्रग कंट्रोलर विभाग से अनुमति मिल गई है। अब केवल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की हरी झंडी का इंतजार रह गया है। इसके बाद प्लाज्मा थेरेपी पद्धति से इलाज हो सकेगा। इस पद्धति में कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के खून में मौजूद प्लाज्मा से संक्रमितों का इलाज किया जाता है। जिम्स भी इस पद्धति से इलाज पर शोध करना चाहता है। आइसीएमआर और ड्रग कंट्रोलर विभाग के पास अनुमोदन प्रस्ताव भेजा गया था। ड्रग कंट्रोलर ने अनुमति दे दी है।  नोडल अधिकारी डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि  प्लाज्मा थैरेपी पद्धति पर शोध के लिए ड्रग कंट्रोलर से अनुमति मिल चुकी है। अब केवल आइसीएमआर की मंजूरी का इंतजार है।

लॉकडाउन में बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों में से आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कुछ इकाइयों को शुरू करने के आदेश दिए हैं, लेकिन श्रमिकों के काम पर नहीं आने से नई समस्या पैदा हो गई है। इसको लेकर एसोसिएशन ऑफ  ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्री (अग्नि) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में मांग की गई है कि औद्योगिक इकाइयों का सहयोग नहीं करने वाले श्रमिकों का वेतन रोकने एवं कार्रवाई की मांग की है। साथ ही काम पर लौटने वाले श्रमिकों को ई-पास जारी किए जाए ताकि आवश्यक सामान का उत्पादन शुरू हो सके।

अग्नि के अध्यक्ष सहदेव शर्मा ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन ने कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर्मचारियों के सेनेटाइजेशन समेत सभी सहूलियतें दी जा रही हैं। इसके बावजूद उनका रवैया असहयोगात्मक है। यह रवैया औद्योगिक इकाइयों पर भारी पड़ रहा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में शर्मा ने मांग की है कि औद्योगिक इकाइयों का सहयोग नहीं करने वाले श्रमिकों एवं कर्मचारियों का वेतन रोकने एवं कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा गौतम बुद्ध नगर एवं देश के दूसरे स्थानों पर स्थित औद्योगिक इकाइयों के मालिकों, काम पर लौटने वाले श्रमिकों एवं कर्मचारियों को ई-पास जारी किए जाएं। उन्होंनें केन्द्र तथा राज्य सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों के भत्तों एवं अन्य सुविधाओं पर रोक लगाने की भी मांग की। अगर सख्ती नहीं हुई तो आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने में देरी होगी।

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