गांव जाकर जान बच जाएगी, यहां कोरोना और भूख मिलकर जल्द ही मार देते, ट्रेन में बैठकर बोले मजदूर

गांव जाकर जान बच जाएगी, यहां कोरोना और भूख मिलकर जल्द ही मार देते, ट्रेन में बैठकर बोले मजदूर

गांव जाकर जान बच जाएगी, यहां कोरोना और भूख मिलकर जल्द ही मार देते, ट्रेन में बैठकर बोले मजदूर

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा की ट्रेन में बैठे प्रवासी मजदूर

-लॉकडाउन 4.0 में मिलीं काफी छूट फिर भी मजदूरों का पलायन जारीganga-श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सवार हो गांव जाने को बेताब दिख रहे लोगganga-इससे शहर के उद्यमियों में बेचैनी, कैसे चलाएंगे उद्योग और धंधे

कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन 4.0 में औद्योगिक इकाइयों और मार्केट सहित काफी कुछ खोलने की छूट दी जा रही है। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने विस्तृत गाइडलाइंस जारी कर दी हैँ। कोरोना वायरस के चलते लगभग दो माह से अस्त-व्यस्त पड़े जन जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद भी प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है।

प्रवासी मजदूर घर जाने को बेताब हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले के दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का सिलसिला बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। श्रमिक घर जाने के लिए ट्रेन में बैठने पर राहत की सांस ले रहे हैं। बुधवार को दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशन से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में नौ हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों के उनके घर भेजा गया। दादरी स्टेशन से दो श्रमिक ट्रेनें रवाना की गईं। 

ट्रेन में बैठकर ली राहत की सांस और परिवार ने खाना शुरू किया
पहली ट्रेन बिहार के छपरा सारण के लिए दोपहर 12:40 मिनट पर रवाना हुई, जिसमें 1544 यात्री और 285 बच्चे सवार थे। दूसरी ट्रेन दोपहर बाद 3:45 मिनट पर बिहार के अररिया के लिए रवाना हुई। इस ट्रेन में 1544 यात्री व 302 बच्चे सवार थे। ट्रेन में बैठते ही बिहार के छपरा निवासी सरवर, उनकी पत्नी अंगूरी देवी, बहन सोमवती और बच्चों ने सबसे पहले भोजन शुरू किया। सरवर का कहना था कि उनके परिवार को तीन दिन से भरपेट भोजन नहीं मिला था। उनका कहना है कि गांव जाने पर जान बच जाएगी, यहां कोरोना और भूख दोनों मिलकर जल्द ही मार देते।

बिहार जाने के लिए उमेश, रोबिन व निरंजन आदि दिल्ली शाहदरा से रेलवे लाइन के रास्ते पैदल दादरी पहुंचे थे। रेलवे लाइन पर पुलिस को देख रूपबास गांव के रास्ते चलने लगे। रास्ता भटकने पर फिर रेलवे लाइन पटरी के नीचे से स्टेशन पर पहुंचे। ये सभी लोग दिल्ली में मजदूरी करते थे। वहीं, दनकौर रेलवे स्टेशन से बुधवार को चार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की गई हैं। पहली ट्रेन गाजीपुर के लिए भेजी गई, जो लखनऊ, सुल्तानपुर व जौनपुर होते हुए गाजीपुर पहुंचेगी। दूसरी ट्रेन गोरखपुर के लिए भेजी गई है। तीसरी ट्रेन मऊ के लिए भेजी गई है।

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