BIG NEWS: जेपी एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ बड़े घोटाले में सरकार ने जांच का आदेश दिया, पूरी जानकारी

BIG NEWS: जेपी एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ बड़े घोटाले में सरकार ने जांच का आदेश दिया, पूरी जानकारी

BIG NEWS: जेपी एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ बड़े घोटाले में सरकार ने जांच का आदेश दिया, पूरी जानकारी

Tricity Today | Jaypee Infratech

जेपी समूह की प्रमुख फर्म जयप्रकाश एसोसिएट्स और दिवालियापन की प्रक्रिया में चल रही जेपी इंफ्राटेक की कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने का आदेश गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) को दिया गया है। यह जांच एजेंसी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन काम करती है। 

मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रालय ने जयप्रकाश एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ एसएफआईओ जांच का आदेश दिया है। जेपी समूह निर्माण, सीमेंट, बिजली, रियल एस्टेट, होटल और अस्पताल के व्यवसायों में है। पिछले कुछ वर्षों में ऋण अदायगी में चूक और नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवास परियोजनाओं को पूरा करने में बेतहाशा देरी के कारण कम्पनी समूह संकट का सामना कर रहा है।

समूह ने अपने कर्ज को कम करने के लिए पहले सीमेंट और बिजली संयंत्र बेच दिए थे। लेकिन इसके बावजूद भी हालात नियंत्रित नहीं हुए। स्थिति तब बेकाबू हो गई जब कंपनी समूह का हिस्सा जेपी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 30,000 फ्लैट का काम पूरा नहीं कर पाई। कंपनी के खिलाफ निवेशक, फ्लैट खरीदार और बैंक एनसीएलटी चले गए थे।

जेपी इंफ्राटेक जयप्रकाश एसोसिएट्स की सहायक कंपनी है। इसके खिलाफ अगस्त 2017 में दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई। लेनदारों की समिति (सीओसी) में 13 बैंक और लगभग 21,000 होमबॉयर्स शामिल हैं। पिछले साल दिसंबर में सीओसी ने एनबीसीसी की संकल्प योजना को मंजूरी दे दी थी। 6 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्राटेक की 90 दिनों के भीतर दिवालिया प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद दिसंबर में सीओसी ने एनबीसीसी के संकल्प योजना को मंजूरी दी थी।

जयप्रकाश एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक से जुड़ा यह सीरियस फ्रॉड क्या है, इस बारे में अभी कॉर्पोरेट मंत्रालय की ओर से कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि इन दोनों कंपनियों के बीच और थर्ड पार्टी के साथ किए गए करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन इस जांच के दायरे में हैं। जानकारी मिल रही है कि संपत्ति खरीददारों, बैंकों और निवेशकों के पैसे को गलत ढंग से वित्तीय लेनदेन किया गया है। जिसमें बड़ी वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं।

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