Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
टिड्डियों के दल ने शनिवार दोपहर को गौतम बुद्ध नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में हमला बोल दिया। आंधी की तरह टिड्डी दल आया और हड़कंप मचाकर चला गया। लोगों घरों से बाहर निकल आए। थाली व पटाखे लेकर खेतों में पहुंच गए। लोगों ने टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया। करीब 20 मिनट तक टिड्डी दल का असर रहा। टिडडी दल जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
टिड्डी दल का हमला दोपहर ढाई बजे बुलंदशहर की सीमा की ओर से गौतम बुद्ध नगर के देहात के इलाके में हुआ। झाझर, ककोड, जंहागीरपुर और अलीगढ़ की सीमा से अचानक टिड्डी दल लाखों की संख्या में गौतम बुद्ध नगर जिले में प्रवेश कर गया। टिडडी दल का आतंक जिले के गांव भट्टा, पारसौल, अच्छेजा, रीलखा, महमदपुर डेरी गुजरान, फलौदा, मिर्जापुर, उस्मानपुर, धनोरी, मिलक, हतेवा, नवादा धनोरी, और रबूपुरा के इलाके में रहा।
देखते देखते टिड्डी दल ने गांव में छत घरों और किसानों की फसल पर कब्जा कर लिया। पेड़ों और फसलों पर टिड्डी दल झुंड बनाकर बैठ गया। अचानक टिड्डी दल के हमले से किसान और ग्रामीण सकते में आ गए। किसान थाली व पटाखे लेकर खेतों में पहुंच गए। थाली बजाकर धमाके कर लोगों ने टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया। लगभग 20 मिनट तक लगातार टिड्डी दल का देहात के इलाके में असर रहा। टिड्डियाँ फसल और पेड़ों पर बैठ गई। गांव और कस्बों में घरों और दीवारों पर भी टिड्डी दल ने कुछ देर अपना कब्जा किए रखा। अचानक तूफान की तरह आए टिड्डी दल की गति बहुत ज्यादा थी। हालांकि यह ज्यादा देर तक जनपद में नहीं रुका। देहात के इलाके से हरियाणा की सीमा की और नोएडा शहर की और टिड्डी दल ने कूच किया। टिड्डी दल के हमले में किसानों की फसलों को आंशिक नुकसान हुआ है।
किसानों ने नुकसान की भरपाई की मांग की
किसान एकता संघ के प्रवक्ता रमेश कसाना और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता पवन खटाना ने जिला प्रशासन और कृषि विभाग से किसानों के हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है। कृष्ण जगनपुर, आलोक नागर, जतन सिंह भाटी ने कहा कि टिडडी दल के हमले से चिंता बढ़ गई। किसानों को नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई की जानी चाहिए।
अफसरों ने किया दौरा
टिड‘डी दल के हमले को रोकने के लिए प्रशासन ने 24 घंटे के लिए कंट्रोल रूम शुरू किया है। ऐसी किसी समस्या पर आम 0120-2977986 पर फोन कर सकते हैं। वहीं, टिड‘डी दल के आने के बाद तहसीलदार सदर आलोक सिंह टीम के साथ इलाके का दौरा किया। किसानों से बातचीत की। फसलों के नुकसान के बारे में चर्चा की। अब वह अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे।