Tricity Today | Gautam Buddha University
दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले और क्लीनिकल साइकोलॉजी में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर है। ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को एमफिल क्लिनिकल साइकोलॉजी चलाने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद ने अगले 5 साल के लिए 10 सीटों पर संबद्धता प्रदान कर दी है। ज्ञात हो कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय में पिछले 8 वर्षों से चलाया जा रहा है और विश्वविद्यालय का मनोविज्ञान एवं मानसिक चिकित्सा विभाग इस कार्यक्रम के जरिए विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहा है।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का यह विभाग मानसिक समस्याओं पर लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। यद्यपि अभी तक विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के लिए केवल 6 अभ्यर्थियों को प्रवेश देता था। परंतु बढ़ती हुई मानसिक समस्याओं और सामाजिक जरूरतों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने इस बार परिषद से 10 सीटों पर चयन की संबद्धता प्राप्त की है। वर्तमान परिपेक्ष में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान जिस तरह समाज में मानसिक व सामाजिक संकट देखने को मिले हैं, ऐसे में चिकित्सा मनोविज्ञान की उपयोगिता महत्वपूर्ण प्रतीत होती है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग और जन समुदायों को चिकित्सा मनोविज्ञान विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग व अन्य मनौपचार समय-समय पर उपलब्ध कराएं जाते हैं।
जीबीयू में इस विभाग के मुखिया डॉ.आनंद प्रताप सिंह का कहना है कि लोगों को इस संकट काल से बाहर निकलने में महत्वपूर्ण मदद प्रदान की जाती है। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य विभाग भी इस कार्य में अग्रणी रहा है। विभाग के संकाय सदस्यों और शोध छात्रों की मदद से गौतमबुद्ध नगर के लगभग 4000 हजार लोगों को मनोवैज्ञानिक सेवाओं से लाभान्वित किया है। डॉक्टर आनन्द प्रताप सिंह ने कहा, "आज हम जिस प्रकार की जीवन शैली और मनो-सामाजिक चुनौतियों से अपने जीवन में दिन प्रतिदिन टकराते हैं, ऐसे में मनोविज्ञान अध्ययन एक महत्वपूर्ण विषय के तौर पर सामने उभर कर आया है। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय का मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा मनोविज्ञान के क्षेत्र में अभ्यर्थियों के शिक्षण व प्रशिक्षण शोध कार्य के लिए अत्यंत ही उपयुक्त विभाग साबित हो रहा है। स्नातक परास्नातक तथा मनोविज्ञान के उच्च अध्ययन के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है।"
डॉ. सिंह ने बताया कि वर्तमान में मनोविज्ञान विषय के अध्ययन में लोगों की अत्यधिक रूचि को देखते हुए विभाग ने अपने सभी कार्यक्रमों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की है। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण के बावजूद भी अभी तक अत्यधिक अभ्यर्थियों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफल रहा है। विभाग के प्रत्येक प्रोग्राम में 50 से अधिक अभ्यर्थियों को प्रवेश दे चुका है। विभाग उपरोक्त शिक्षण प्रशिक्षण के अतिरिक्त तमाम ऐसे कार्यक्रम एवं शिविर का आयोजन भी करता है, जिससे समाज में मानसिक परेशानियों के प्रति ग्रंथियों को दूर किया जा सके। मनोवैज्ञानिक उपचार के लिए प्रेरित किया जा सके।
विभाग के समस्त संकाय सदस्यों, छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीपी शर्मा व समस्त अधिकारी गणों के प्रति आभार प्रकट किया है। विभाग के अध्यक्ष डॉ.आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि एमफिल क्लिनिकल साइकोलॉजी की इन 10 सीटों के चयन के लिए पहले से ही लगभग 300 आवेदन पत्र प्राप्त हो चुके हैं। सभी अभ्यर्थियों को इसकी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के लिए अवगत कराया जा चुका है। विश्वविद्यालय में उक्त कार्यक्रम के लिए लिखित परीक्षा दिनांक 28 अक्टूबर 2020 और साक्षात्कार के लिए दिनांक 6 नवंबर 2020 को निर्धारित किया है।