ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बड़ा एक्शन, प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डरों पर 97 लाख जुर्माना, हेल्पलाइन नंबर जारी किया

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बड़ा एक्शन, प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डरों पर 97 लाख जुर्माना, हेल्पलाइन नंबर जारी किया

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बड़ा एक्शन, प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डरों पर 97 लाख जुर्माना, हेल्पलाइन नंबर जारी किया

Google Image | Greater Noida Authority fines builders

एएल साफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड पर सबसे ज्यादा 50 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गयाgangaबिल्डरों की साइट पर ग्रीन कवर और एन्टी स्मॉग गन नहीं लगाने व धूल उड़ाने का आरोप हैgangaप्राधिकरण ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया, प्रदूषण फैलाने वालों की जानकारी दे सकते हैं

ग्रेटर नोएडा शहर में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है। पिछले 2 सप्ताह से शहर में सांस लेना दूभर हो गया है। सोमवार को प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) की टीम ने 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें 9 बिल्डरों की निर्माणाधीन साइट शामिल हैं। इन साइट पर ग्रीन कवर नहीं लगाया गया था। एन्टी स्माग गन नहीं लगाई गई हैं। साइट पर धूल उड़ती मिली है। अधिकारियों ने सभी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के नियमों के अनुसार काम करने के लिए कहा है। अगर खामी मिली तो फिर कार्रवाई की जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेन्द्र भूषण ने सोमवार को अपनी टीम के साथ शहर का दौरा किया। उनके साथ एसीईओ दीप चन्द्र, जीएम परियोजना समाकान्त श्रीवास्तव, जीएम परियोजना पीके कौशिक, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी डा.अर्चना द्विवेदी मौजूद रहीं। सीईओ ने शहर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिशा-निर्देश दिए। मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन तमाम अफसरों के साथ बिल्डरों की निर्माणाधीन साइटों पर पहुंचे। हालात का जायजा लिया। देखा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन किया जा रहा है या नहीं किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 9 बिल्डरों की साइट पर एनजीटी के नियमों का उल्लंघन पाया गया है।

प्राधिकरण ने बताया कि इन पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आरोप है कि इन बिल्डरों ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इंतजाम नहीं किए गए हैं। इनकी साइट पर ग्रीन कवर नहीं लगा पाया गया है। एन्टी स्माग गन नहीं लगाने और साइट पर धूल उड़ती मिली है। शहर में वायु प्रदूषण से लगातार बिगड़ रहे हालातों पर काबू पाने के लिए विकास प्राधिकरण एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। अगर कोई कहीं प्रदूषण फैलाता नजर आता है तो इस टेलीफोन नंबर पर कॉल करके सूचना दी जा सकती है।

इन बिल्डरों पर लगा जुर्माना

  1. आम्रपाली स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड
  2. एआईएमएस गोल्फ टाउन प्राइवेट लिमिटेड
  3. पीकेएस बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड
  4. गुलशन होम्स प्राइवेट लिमिटेड
  5. अजनारा रियलटेक लिमिटेड 
  6. जेकेजी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड 
  7. रुद्रा बिल्डटेक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड
  8. रतन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड

 
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प्राधिकरण और उप्र प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की टीम ने  आईटी, आईटीएस के लिए आवंटित एएल साफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के प्लाट संख्या 7, टेकजोन-4 में मिट्टी खुदाई, निर्माण करने, एन्टी स्माग गन और पानी के छिड़काव की व्यवस्था नहीं होने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही प्राधिकरण के परियोजना विभाग ने एनजीटी के नियमों का पालन न करने, वायु प्रदूषण बढ़ाने के आरोप में एनपीसीएल पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

एयर मानिटरिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया

सीईओ नरेंद्र भूषण ने शारदा विश्वविद्यालय व बालक इंटर कालेज में स्थापित एयर मानिटरिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा में स्थित चार विश्वविद्यालयों के प्रदूषण व पर्यावरण क्षेत्र के प्रोफेसरों, विशेषज्ञों एवं सलाहकारों के साथ प्राधिकरण में शीघ्र बैठक होगी। इसमें प्रदूषण के कारणों, कारकों तथा रोकने के विकल्पों पर चर्चा होगी।

अब निर्माण साइटों का रोजाना होगा निरीक्षण

सीईओ नरेंद्र भूषण ने जोन प्रभारियों से कहा कि वे वायु प्रदूषण रोकने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाकर जरूरत के अनुसार पानी का छिड़काव, आग की घटनाओं पर नियन्त्रण, उल्लघंन कर्ताओं पर अर्थदण्ड लगाए ताकि एनजीटी के नियमों का पालन हो सके। प्राधिकरण क्षेत्र में जहां-जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां वायु प्रदूषण न होने पाये इसलिये प्रतिदिन निरीक्षण किया जाए। अगर किसी को कोई प्रदूषण फैलाता मिल जाता है तो वह हेल्पलाइन नंबर 0120-2336046, 47, 48 एवं 49 एवं व्हाट‘सअप नंबर 8800203912 पर शिकायत कर सकते हैं।

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