Greater Noida Board Meeting: डिफाल्टर बिल्डरों को राहत नहीं मिलेगी, और कई बड़े फैसले लिए गए

Greater Noida Board Meeting: डिफाल्टर बिल्डरों को राहत नहीं मिलेगी, और कई बड़े फैसले लिए गए

Greater Noida Board Meeting: डिफाल्टर बिल्डरों को राहत नहीं मिलेगी, और कई बड़े फैसले लिए गए

Tricity Today | Greater Noida Board Meeting

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक बुधवार देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बिल्डरों से 8.5 प्रतिशत साधरण ब्याज लेने के मामले में वह फिर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इस बार प्राधिकरण अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देगा और इसी आधार पर आदेश में बदलाव की अपील करेगा। इसके लिए नामी वकील लगाए जाएंगे।

बुधवार देर शाम को हुई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ऑनलाइन हुई बोर्ड बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन आलोक टंडन ने की। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा हुई। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों से 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज लेने के लिए कहा है। यह दर 2010 से लागू करनी है। जबकि प्राधिकरण 11 से 12 फीसदी ब्याज ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सभी अधूरे प्रोजेक्ट के बिल्डरों को लाभ देने के लिए कहा है। बैठक में बोर्ड के सभी सदस्यों में सहमति बनी कि सुप्रीम कोर्ट में फिर से याचिका दायर की जाए। ताकि इसमें कुछ राहत मिल सके।
 
बिल्डरों पर करीब 9 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं

बैठक में सभी सदस्यों ने एक मत से कहा कि अदालत को बताया जाए कि अगर 2010 से 8.5 फीसदी ब्याजदर लागू की गई तो प्राधिकरण की हालत खराब हो जाएगी। प्राधिकरण में 132 बिल्डरों के प्रोजेक्ट अधूरे हैं। इन पर करीब 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। अगर 8.5 प्रतितश ब्याज लिया गया तो प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति खराब हो जाएगी। सदस्यों ने कहा कि अदालत को यह भी बताया जाए प्राधिकरण पर इस समय करीब 6300 करोड़ रुपये का कर्ज है। 

जमीन खरीदने के लिए दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत

औद्योगिक विकास के लिए जमीन खरीदने के लिए दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। बैठक में बताया गया कि एसबीआई ने आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट के लिए 12 फीसदी ब्याज दर से लोन दिया है। यह भी तर्क अदालत में रखा जा सकता है। बोर्ड में इस बात पर भी चर्चा हुई कि प्राधिकरण अदालत से बिल्डरों की फॉरेंसिक ऑडिट कराने की अपील करे। इसके अलावा प्राधिकरण अदालत में एकमुश्त समाधान योजना का प्रस्ताव रख सकता है।

आउटसोर्स में रखे जाएंगे कर्मचारी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में स्टाफ की कमी है। ऐसे में आउटसोर्सिंग के जरिये स्टाफ रखने का प्रस्ताव रखा। इस पर सहमति बन गई। वर्तमान में प्राधिकरण में 378 पद स्वीकृत हैं। फिलहाल 253 कर्मचारी कार्यरत हैं। इन रिक्त पदों पर ऑउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती किया जाएगा। इसके लिए दो एजेंसियों का चयन किया गया है।

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