ग्रेटर नोएडा जिम्स ने किया बड़ा खुलासा, कोरोना वायरस हर माह चार बार अपना स्वरूप बदल रहा है

ग्रेटर नोएडा जिम्स ने किया बड़ा खुलासा, कोरोना वायरस हर माह चार बार अपना स्वरूप बदल रहा है

ग्रेटर नोएडा जिम्स ने किया बड़ा खुलासा, कोरोना वायरस हर माह चार बार अपना स्वरूप बदल रहा है

Google Image | GIMS Greater Noida

कोरोना वायरस हर माह 4 बार अपना स्वरूप (म्यूटेशन) बदल रहा है। हालांकि वायरस के बदले जीनोम ने मरीजों पर गंभीर असर नहीं डाला है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के शोध में यह खुलासा हुआ है। इस शोध की रिपोर्ट इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को भेज दी गई है।

जिम्स में कोविड-19 मरीजों की जांच हो रही है। अब तक यहां पर एक लाख सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच हो चुकी है। कोविड लैब बायोलॉजिक सेफ्टी लेवल (बीएसएल) लैब है और आईसीएमआर ने यहां पर शोध करने की अनुमति दी हुई है। कोविड लैब में हुए शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस आने स्वरूप (जीनोम ) को बदल रहा है। हर माह 4 बार वायरस का स्वरूप बदला है। हालांकि बदला हुआ स्वरूप कितना घातक है, इस नतीजे पर अभी नहीं पहुंचा जा सका है।

आईसीएमआर की गाइड लाइन पर हो रहा शोध

जिम्स की बीएसएल लैब इंचार्ज माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि यहां मरीजों की आरटीपीसीआर (रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेस चेन रिएक्शन) पर कोविड जांच की जाती है। आईसीएमआर से अनुमति मिलने के बाद इसके जीनोम के स्वरूप में बदलाव को देखा जा रहा है। उहोंने बताया कि यह कोविड वायरस आरएनए (ऱाइबो न्यूक्लिक एसिड) है। अनुसंधान में पता चला है कि यह वायरस औसतन हर माह चार बार अपना रूप बदला है। यहां पर मार्च से जांच हो रही है। मार्च से करीब 24 बार जीनोम बदल चुका है। आईसीएमआर गाइड लाइन के तहत यहां पर शोध हो रहा है। इसकी रिपोर्ट आईसीएमआर को भेज दी गई है।

दोबारा भी हो सकता है इंफेक्शन

कोविड मरीज ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए जाते हैं। माना जाता है कि उन्हें दोबारा संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि यहां पर एक केस आया है। एक बार ठीक होने के बाद उसे दोबारा संक्रमण हुआ है। यह कैसे संक्रमित हुआ, क्यों हुआ, इस पर शोध किया जाएगा। संक्रमित होने के कई कारण हो सकते हैं।

रोजाना 3 हजार सैंपलों की हो सकती है जांच

जिम्स में 50 सैंपलों से कोविड की जांच शुरू हुई थी। लेकिन अब इसकी क्षमता अब रोजाना 3000 हो गई है। यहां पर 24 घंटे में तीन हजार सैंपलों की जांच की जा सकती है। इस लैब की उपलब्धि है कि अब तक यहां पर एक लाख सैंपलों की जांच हो चुकी है। यह लैब प्रदेश की टॉप-10 लैब में शामिल हो चुकी है। लैब का स्टाफ कई-कई महीने से लगातार काम कर रहा है।

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