ग्रेटर नोएडा: शेर सिंह भाटी हत्याकांड ने तूल पकड़ा, शुक्रवार को दादरी में महापंचायत, भाजपा नेता ने कहा- अख़लाक़ के लिए रोने वालों ये हमारा भाई है

ग्रेटर नोएडा: शेर सिंह भाटी हत्याकांड ने तूल पकड़ा, शुक्रवार को दादरी में महापंचायत, भाजपा नेता ने कहा- अख़लाक़ के लिए रोने वालों ये हमारा भाई है

ग्रेटर नोएडा: शेर सिंह भाटी हत्याकांड ने तूल पकड़ा, शुक्रवार को दादरी में महापंचायत, भाजपा नेता ने कहा- अख़लाक़ के लिए रोने वालों ये हमारा भाई है

Social Media | Sher Singh Bhati

Sher Singh Bhati murder: मंगलवार को Gautam Buddh Nagar के Dadri कस्बे में शेर सिंह भाटी नाम के युवक की चाकुओं से गोदकर सरे बाजार हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गुरुवार को दादरी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। दूसरी ओर अब यह मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। दरअसल, शुक्रवार को शेर सिंह भाटी के पैतृक गांव चिटहरा में महापंचायत बुलाई गई है। जिसके लिए सोशल मीडिया पर लोगों से संपर्क किया जा रहा है। Bhartiya Janta Party के नेता भी इस हत्याकांड को लेकर सामने आए हैं। भाजपा नेता ने इसे अखलाक हत्याकांड से जोड़ते हुए कहा- अख़लाक़ के लिए रोने वालों ये हमारा भाई है

समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता एडवोकेट श्याम सिंह भाटी का कहना है कि कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है। सड़क चलते लोगों की हत्या कर दी जा रही है। इस पूरे मामले में दादरी कोतवाली पुलिस पर भी उंगलियां उठ रही हैं। एडवोकेट श्यामसिंह भाटी ने बताया कि चिटहेरा गांव के शिव मंदिर पर शुक्रवार को पंचायत का आयोजन किया गया है। इस महापंचायत में पूरे इलाके के लोगों से पहुंचने की अपील की जा रही है। शेर सिंह भाटी की निर्ममता से हत्या की गई है। दादरी कस्बे में सरे बाजार शेर सिंह को चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया गया है। 

श्यामसिंह भाटी का कहना है कि योगी राज में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है। इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गांव में पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। जिन लोगों ने शेर सिंह की हत्या की है, उन लोगों का दादरी कोतवाली में तैनात पुलिस अधिकारियों से घनिष्ठ ताल्लुकात हैं। पुलिस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बजाय उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। जो लोग पीड़ित परिवार के पक्ष में खड़ा होना चाहते हैं, उन्हें धमकाया और डराया जा रहा है। पुलिस लोगों के घर जाकर अभद्रता कर रही है। पुलिस का मकसद इस पूरे मामले को दबाना है।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के बिसरख मंडल के अध्यक्ष रवि भदौरिया ने इस मामले को अखलाक हत्याकांड से जोड़ने की कोशिश की है। रवि भदौरिया ने एक ट्वीट किया है। उसमें लिखा है, "मैं रवि भदौरिया, एक राजपूत। लेकिन मैं तब तक चैन से नहीं बैठने वाला जब तक मेरे गुर्जर भाई शेर सिंह भाटी के हत्यारों को सजा नहीं मिल जाती। अखलाक के लिए रोने वालो, ये हमारा भाई है। इसके परिवार को न्याय हमें दिलाना है। शेर सिंह भाटी के हत्यारों को फांसी दो।"

इस मुद्दे पर रवि भदोरिया से बातचीत भी की गई। रवि भदौरिया ने साफ शब्दों में कहा, "मैं उन लोगों से सवाल करना चाहता हूं, जो अखलाक हत्याकांड पर छाती पीट रहे थे। अब एक हिंदू भाई की हत्या की गई है। उसके लिए कोई अवार्ड वापसी गैंग एक ट्वीट तक नहीं कर रहा है। केवल हमारे दो विधायकों दादरी से तेजपाल सिंह नागर और लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस मामले में दो-दो ट्वीट किए हैं। मैं जातिवाद से ऊपर उठकर अपने एक हिंदू भाई की हत्या पर सवाल उठा रहा हूं।"

वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बदहाल होने का मुद्दा उठा उठा रही है। सपा नेताओं का कहना है कि अब सवाल यह उठता है कि अपनी ही सरकार में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया एक हत्याकांड पर न्याय दिलाने के लिए लोगों से ट्वीट नहीं करने की शिकायत कर रहे हैं। भाजपा नेता आखिर किससे न्याय मांगने की बात कर रहे हैं। न्याय दिलाने की जिम्मेदारी तो उनके कंधों पर ही है। अगर ट्वीट करने और अवार्ड छोड़ देने से न्याय मिलता तो अब तक अखलाक के परिवार को ही न्याय ना मिल गया होता। हम शेर सिंह के लिए न्याय मांग रहे हैं, अगर वह वाकई शेर सिंह के परिवार को न्याय दिलाना चाहते हैं तो अपने विधायकों को लेकर पंचायत में आएं।

पुलिस ने महापंचायत के आयोजकों को नोटिस भेजा

दूसरी ओर चिटहरा गांव में महापंचायत के आयोजन की सूचना मिलने के बाद दादरी कोतवाली पुलिस सक्रिय हो गई है। गुरुवार की देर रात पुलिस ने गांव में दौरा किया है। लोगों से ऐसी कोई पंचायत नहीं करने के लिए कहा गया है। साथ ही कई लोगों को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगे हैं। पुलिस का कहना है कि हत्या के बाद तेजी के साथ कार्रवाई की गई है। दो हत्यारोपी को गिरफ्तार करके गुरुवार की दोपहर जेल भेजा जा चुका है। हालांकि, गांव वाले पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं। गांव के लोग हत्यारोपियों और पुलिस के कुछ अधिकारियों के बीच अच्छे ताल्लुकात होने के आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं गांव के लोगों का कहना है कि इस हत्या के लिए कुछ पुलिस वाले ही जिम्मेदार हैं।

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