Tricity Today | सड़कों की मरम्मत नहीं कराने पर ग्रेटर नोएडा में सलेमपुर के ग्रामीणों ने विरोध का नया तरीका निकाला है। यहां की मुख्य सड़क के गड्ढों में भरे पानी में ग्रामीणों ने सोमवार को धान की रोपाई कर दी।
सड़कों की मरम्मत नहीं कराने पर ग्रेटर नोएडा में सलेमपुर के ग्रामीणों ने विरोध का नया तरीका निकाला है। यहां की मुख्य सड़क के गड्ढों में भरे पानी में ग्रामीणों ने सोमवार को धान की रोपाई कर दी। यह मुख्य मार्ग करीब 20 गांवों को जोड़ता है। ग्रामीणों ने कहा- हम लोगों ने तो अंतर्राष्ट्रीय शहर का सपना देखा था। अगर ऐसा विकास होना था तो हम खेती ही ठीक कर रहे थे।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से कई बार सड़क ठीक कराने की मांग की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। मजबूरन उन्हें सड़कों पर आकर विरोध करना पड़ रहा है।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में सलेमपुर गांव आता है। यहां की सड़कें बहुत खराब हैं। बारिश में सड़कों में बने गड्ढों में पानी भर जाता है। ऐसे में हादसा होने की आशंका बनी रहती है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से मुख्य सड़क की मरम्मत कराने की मांग की गई थी। इसके बावजूद प्राधिकरण ने कोई कदम नहीं उठाया। थक हारकर ग्रामीणों ने सोमवार को विरोध का नया तरीका निकाला है। ग्रामीणों ने धान की रोपाई करके विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि हो सकता है कि इससे अफसरों को इस सड़क की याद आ जाए।
ग्रामीण लोकेश भाटी ने बताया कि प्राधिकरण की लापरवाही सामने आ गई है। गड्ढा मुक्त योजना का दावा करने वाली सरकार गड्ढे नहीं भर पा रही है। यह मुख्य मार्ग करीब 20 गांवों को जोड़ता है। शिकायत करने के बावजूद मरम्मत नहीं कराई गई है। हम लोगों ने तो अंतर्राष्ट्रीय शहर का सपना देखा था। हमें क्या पता था कि खेतीबाड़ी छोड़कर हम लोग दुर्दशा मोल ले रहे हैं। प्राधिकरण ने विक्स्ड के नाम पर भूमि अधिग्रहण किया। अगर ऐसा विकास होना था तो हम खेती ही ठीक कर रहे थे।
अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर इस सड़क को जल्द ठीक नहीं किया गया तो प्राधिकरण का घेराव करेंगे। तालाबंदी करके विरोध जताएंगे। इस मौके पर राज भाटी, सोनू भाटी, प्रमोद, रोहित, नरेन्द्र भाटी, प्रविंद्र, शिव कुमार, टीटू प्रधान, सुधीर भाटी, सुंदर भाटी आदि मौजूद रहे।
सलेमपुर की मुख्य सड़क घंघोला चौकी से कनारसी करीब 8 किलोमीटर तक है। ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 10 साल पहले यह सड़क बनी थी। इसके बाद किसी ने इस सड़क की सुध नहीं ली। बार-बार मांग के बावजूद इसका निर्माण नहीं हुआ।
इन गांव के लोग होते हैं हलकान
सलेमपुर गुर्जर, नियाना, बागपुर, दलेलगढ़, पीपलका, हथेवा, कनारसी, छछूला, धनौरी समेत करीब 20 गांव के लोग इस सड़क से आते जाते हैं।