ग्रेटर नोएडा वेस्ट का दर्द: बुनियादी विकास नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी तक सीमित, हमारे लिए कुछ नहीं

ग्रेटर नोएडा वेस्ट का दर्द: बुनियादी विकास नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी तक सीमित, हमारे लिए कुछ नहीं

ग्रेटर नोएडा वेस्ट का दर्द: बुनियादी विकास नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी तक सीमित, हमारे लिए कुछ नहीं

Tricity Today | Gautam Buddh Statue in Greater Noida west

पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एक किलोमीटर लंबी लाइन लगाकर बंपर वोटिंग करने वाले ग्रेटर नोएडा वेस्ट के करीब दो लाख लोग खून के आंसू रोने के लिए मजबूर हैं। यह लोग जनप्रतिनिधियों और विकास प्राधिकरण की उपेक्षा का शिकार हैं। आने वाले 2 वर्षों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनसंख्या चार लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन यहां न तो सरकारी स्कूल है और ना कोई अस्पताल है। सरकारी स्कूल, अस्पताल और खेल के मैदान की मांग लगातार ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग उठा रहे हैं। सांसद, विधायक और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण इन लोगों को अब तक केवल आश्वासन दे पाए हैं। लिहाजा, रह रहकर उठने वाला यह दर्द रविवार को एक बार फिर सोशल मीडिया पर दिखाई दिया है।

एक नामचीन गैर सरकारी संगठन के सदस्य और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गैलेक्सी वेगा हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले देशराज सिंह ने रविवार की सुबह ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "कल ग्रेनो वेस्ट में अत्यंत प्रदूषण के कारण मेरी तबियत बिगड़ गयी है। प्राइवेट में खर्च ज्यादा है, इसीलिए सरकारी अस्पताल में इलाज चाहता हूं। लेकिन मेरे घर से सरकारी अस्पताल 20 किलोमीटर दूर हैं। वैसे बुनियादी विकास नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी तक सीमित है। लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं है। यहां एकदम रिज़र्व वोट बैंक है। किसी दूसरी पार्टी को वोट नही देंगे। चाहे कितने कोड़े बरसा लो।" 

देशराज सिंह के ट्वीट को समर्थन देने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट से तमाम लोग लिख रहे हैं। लोगों का यही मानना है कि वह उपेक्षा के शिकार हैं। कोई किसी भी स्तर पर उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों का कहना है कि उन्हें बिल्डरों ने फाइव स्टार और इंटरनेशनल सुविधाएं देने के नाम पर जमकर लूटा है। अब जब यहां लोग 5 सालों से रह रहे हैं तो पता चला है कि सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राइवेट स्कूल हैं। जिनकी फीस आम मध्यमवर्गीय परिवार की पहुंच से बाहर है। प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां बुखार का इलाज करवाने के लिए भी लाख रुपए की जरूरत पड़ती है।

देशराज सिंह के ट्वीट पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी संजय सारस्वत ने लिखा, "देशराज जी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सिर्फ वोट बैंक है, इसलिए केवल जनसंवाद जैसे कार्यक्रम होते हैं। सिर्फ कार्यक्रम, जयकारा या नारा लगते हैं। बड़े-बड़े वादे होते हैं। कार्य कोई हुआ हो, ऐसा नहीं दिखता है।" गैलेक्सी सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने संजय सारस्वत की बात को आगे बढ़ाया और इस ट्वीट पर अपना मत रखा है। उनकी ओर से लिखा गया, "संजय जी ने एकदम सही कहा, यहां केवल बड़े-बड़े चुनावी वायदे होते आये हैं। गैलेक्सी वेगा के सामने का नाला जिसमें गत वर्ष 4 मौतें भी हो चुकी हैं, वो तो ढकवा नहीं पाए। विकास कार्य क्या होगा, कहीं ऐसा न हो कि आने प्रदेश चुनावों में चुनाव बहिष्कार हो। क्या कोई सुन रहा है, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों की बात, या सिर्फ चुनावी सभाओं में सुना जाएगा।"

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ही एक अन्य निवासी चलने भी अपना मत जाहिर किया है। उन्होंने लिखा, "ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक ढंग का अस्पताल होना ही चाहिए। जहां की आबादी लाखों में हो और लोग प्राइवेट अस्पतालों के लूट का शिकार बनते हैं। अच्छा सरकारी अस्पताल एक बेसिक जरूरत के अंदर आता है। कृपया इस पर ध्यान दें।" मीडिया कनेक्ट ने भी देशराज सिंह की मांग को समर्थन दिया है। मीडिया कनेक्ट की ओर से लिखा गया कि यह बहुत पुरानी मांग है। यहां कम से कम एक अच्छे सरकारी अस्पताल की तो बहुत ज्यादा जरूरत है। सही मायने में यहां लाखों लोगों को लाकर बसाने से पहले अस्पताल और स्कूल जैसी सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए थीं। अब हम लगातार यह मांग कर रहे हैं और कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है।"

आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग कई मर्तबा गौतमबुद्ध नगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.महेश शर्मा को पत्र लिख चुके हैं। उनसे मुलाकात भी कर चुके हैं। यहां से स्थानीय विधायक तेजपाल सिंह नागर के सामने तो यह मुद्दा न जाने कितनी बार लोग उठा चुके हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तमाम सामाजिक संस्थाएं इस मुद्दे को लेकर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मुलाकात कर चुकी हैं। पिछले दिनों सामाजिक संगठनों के साथ एक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस में सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्कूल, अस्पताल और खेल का मैदान विकसित करने का आश्वासन दिया था। जल्दी ही इस दिशा में काम करने की बात भी कही थी, लेकिन काम शुरू किया गया या नहीं, यह अब तक नहीं बताया गया है।

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