Tricity Today | केमिकल फैक्टरी में लगी भीषण आग
गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र स्थित पांडव नगर इंडस्ट्रियल एरिया की केमिकल फैक्ट्री में रविवार की दोपहर भीषण आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि करीब 2 किलोमीटर दूर तक धुएं और आग की लपटें आसमान में उड़ती दिखाई दे रही थीं। फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में थिनर के ड्रम रखे थे। जो आग की चपेट में आ है। जिसके बाद फैक्ट्री में धमाके के साथ फटने लगे। घटना की सूचना फैक्ट्री के सुरक्षाकर्मी ने मालिक को दी। सूचना मिलते ही मालिक होश उड गए। मालिक ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को दी।
सूचना पाकर मौके पर एसपी सिटी डॉ. मनीष मिश्रा, सीओ द्वितीय अवनीश कुमार और फायर स्टेशन अफसर सुशील कुमार, कविनगर थाना प्रभारी मोहम्मद असलम मौके पर पहुंचे। फायर बिग्रेड की टीम को आग पर काबू पाने के लिए घण्टों मशक्कत करनी पड़ी। फोम टेंडर समेत 15 दमकल वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया गया है।
फयर डिपार्टमेंट ने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। पुलिस ने एहतियातन आसपास की बिल्डिंग खाली करवा ली हैं। पांडव नगर इलाके में केमिकल की फैक्ट्री में आग लगने से आसपास की सोसाइटी और अन्य फैक्ट्रियों को भी एहतियात बरतने के लिए निर्देश दिए गए हैं। पांडव नगर इलाके के प्लॉट नंबर-320 स्थित केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई। मालिक दीपक सिंघल ने बताया कि रविवार की दोपहर करीब एक बजे उन्हें गोदाम के सुरक्षाकर्मी से आग लगने की जानकारी मिली थी। वह मौके पर पहुंचे तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था।
सीओ द्वितीय अवनीश कुमार और एफएसओ सुशील कुमार मौके पर पहुंचे। सीएफओ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आगे और पीछे दोनों ओर से आग बुझाने का काम शुरू किया गया। करीब 2 घंटे कड़ी मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया गया। गनीमत थी कि रविवार की छुट्टी के कारण गोदाम में कोई नहीं था। इस कारण बड़ा हादसा टल गया है। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।
वहीं, दीपक का आरोप है कि आग लगने के करीब एक घंटे बाद दमकल टीम पहुंची। इस दौरान कई बार प्रयास के बावजूद यूपी डायल-112 नंबर पर कॉल नहीं लगी। इस हादसे में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। घटना के वक्त फैक्ट्री में करीब 250 ड्रम थिनर रखा हुआ था। आग इतनी भीषण है कि आसपास की इमारतों को भी काफी नुकसान हुआ है। बता दें कि आग लगते ही मामले की जानकारी दमकल विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों को आग बुझाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि गली संकरी होने के कारण अंदर तक गाड़ी नहीं जा सकी।